चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के प्रौढ़ शिक्षा अभियान में नियुक्त उन शिक्षकों की 11 साल पुरानी याचिका खारिज कर दी है जिन्होंने अपने को एसएस टीचर नियुक्त करने की मांग की थी। 1हरी सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की थी एसएस टीचरों के निकाले गए पदों में उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिये। याचिका के अनुसार हरियाणा में प्रौढ़ शिक्षा के लिए पांच हजार से ज्यादा इंस्ट्रक्टर नियुक्त किए गए थे। सरकार ने 1990 मे इन सभी इंस्ट्रक्टर की सेवा समाप्त करते हुए प्रौढ़ शिक्षा की स्कीम को बंद कर दिया था। सरकार द्वारा स्कीम बंद करने व काम कर रहे इंस्ट्रक्टरों की सेवा समाप्त होने के खिलाफ इंस्ट्रक्टरों ने 1992 में सुप्रीम कोर्ट की शरण लेते हुए सरकार द्वारा उनको हटाने को चुनौती दी जिस पर सुनवाई करते हए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह भविष्य में होने वाली टीचर नियुक्ति में इन इंस्ट्रक्टर पर विचार करे। सरकार ने 1999 में राज्य में दो हजार से ज्यादा एसएस टीचर की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला लेकिन सरकार ने इस भर्ती में इंस्ट्रक्टरों को कोई छूट नहीं दी जिस पर इंस्ट्रक्टरों ने दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सरकार को इस भर्ती में इंस्ट्रक्टरों की आयु व कुछ मामलों में छूट देने व योग्यता पूरी करने वाले इंस्ट्रक्टरों की इस भर्ती में विचार करने का सुझाव दिया। लेकिन एसएस टीचर भर्ती में इंस्ट्रक्टरों की भर्ती नहीं की गई तो उन्होंने दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली।याचिका में आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार प्रौढ़ शिक्षा अभियान से जुड़े इंस्ट्रक्टरों को एसएस टीचर भर्ती में कोई प्राथमिकता नहीं दे रही है। सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि उसने प्रौढ़ शिक्षा अभियान को बंद कर दिया है कि क्योंकि इस पर सालाना 12 करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने कभी भी इन प्रौढ़ शिक्षा अभियान से जुड़े इंस्ट्रक्टरों को नियमित भर्ती में नियुक्ति करने का आदेश नहीं दिया, कोर्ट ने केवल सुझाव दिया था। सरकार ने कोर्ट को बताया कि एसएस टीचर में इंस्ट्रक्टरों की नियुक्ति की मांग गलत है क्योंकि इसमें पचास फीसद पद सीधे भर्ती व पचास फीसद पद जेबीटी व अन्य टीचर से प्रमोशन से भरने हैं। योग्यता के अनुसार इंस्ट्रक्टरों इस भर्ती में भाग ले सकते हैं लेकिन भर्ती में प्राथमिकता देना सही नहीं है। हाईकोर्ट के जस्टिस टीएस ढींडसा ने वादी प्रतिवादी के पक्ष व हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले को आधार बनाते हुए प्रौढ़ शिक्षा अभियान से इंस्ट्रक्टरों की एसएस टीचर पद पर नियुक्ति की मांग को खारिज कर दिया। ..DJ
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