** इग्नू के 456 कम्युनिटी कॉलेजों पर फैसला १५ को होने वाली बीओएम की बैठक में
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 456 कम्युनिटी कॉलेजों में पढऩे वाले करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। चार साल बीतने के बाद भी विद्यार्थी नहीं जानते कि कब उनके एग्जाम होंगे और कब रिजल्ट आएगा? इग्नू के अधिकारियों का कहना है कि 15 जून को होने वाली बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा।
कम्युनिटी कॉलेज में दाखिला लेने वाले करीब डेढ़ लाखों बच्चों का एक साल का कोर्स चार साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। हाल यह है कि नौकरी करने वाले स्टूडेंट्स को दस्तावेज पूरे न होने पर नौकरी से निकाल दिया गया है, तो कुछ नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी नौकरी नहीं कर पा रहे हैं। कारण, बिना भविष्य सोचे शुरू किए गए इग्नू के कम्युनिटी कॉलेज।
2009में शुरू हुए थे कोर्स:
इग्नू की ओर से साल 2009 में स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मुहैया कराने के लिए वैकल्पिक कोर्स शुरू किए गए। शुरू में 2358 कोर्सों में 1 लाख 30 हजार 327 बच्चों का दाखिला लिया। दो साल तक सब ठीक चला। अचानक 20 जून 2012 को इग्नू ने सभी कम्युनिटी कॉलेज को पत्र जारी कर बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की 113वीं बैठक का हवाला देते हुए बताया कि कम्युनिटी कॉलेज स्कीम की समीक्षा की जानी है। इसके लिए इग्नू कुलपति की ओर से एक समीक्षा कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी, तब तक कोर्सों पर रोक लगा दी।
"2009 से इग्नू ने जुलाई 2010 के तीन सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जारी किया। जनवरी 2011 और जुलाई 2011 के सत्र में दाखिला लेने वाले बच्चों के एग्जाम और परिणाम रुके हुए हैं। इग्नू को इस बारे में सोचना चाहिए।"--डॉ. माहनी, वाइस प्रेजीडेंट, ऑल इंडिया कम्युनिटी कॉलेज एसोसिएशन।
"कम्युनिटी कॉलेज के फैसले को लेकर कुलपति की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की 15 जून को बैठक की जानी है। बैठक में कम्युनिटी कॉलेज का मसला शामिल है। बच्चों के हितों को देखकर ही उचित फैसला लिया जाएगा।"-प्रो. प्रदीप साहनी, नोडल ऑफिसर, कम्युनिटी कॉलेजेज स्कीम, इग्नू।
इग्नू से जुड़े अधिकारियों के अनुसार देशभर में चल रहे 456 कम्युनिटी कॉलेजों में करीब 19 हजार कोर्स चल रहे थे। पहले की स्कीम के तहत चलने वाले कम्युनिटी कॉलेजों ने अपनी भी फ्रेंचाइजी खोलनी शुरू कर दी। इसके बाद इग्नू के सर्टिफिकेट बिकने शुरू हो गए। कम्युनिटी कॉलेजों ने बिना इग्नू की अनुमति के कई कोर्स भी शुरू कर दिए। इसके चलते जून 2012 में इन कम्युनिटी कॉलेजों की प्रक्रिया को रोक दिया गया, तभी से कॉलेज बंद पड़े हैं और बच्चे परेशान हो रहे हैं। ....DB
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