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Wednesday, 11 September 2013

दोहरी नीति से पिस रहे शिक्षक

बिलासपुर : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के वरिष्ठ जिला उपप्रधान हरपाल सिंह बैंस ने कहा कि दिन प्रतिदिन गिर रहे शिक्षा के स्तर के लिए केवल शिक्षक जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। सरकार शिक्षकों से गैर शिक्षण कार्य लेकर शिक्षा को प्रभावित कर रही है। सरकार की दोहरी नीति के चलते शिक्षक पिस रहे है। प्रशासन उन्हें गैर शिक्षण कार्य करने के लिए बाध्य कर रहा है। जिस का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। 
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई कर्मचारियों की मीटिंग में संघ के जिला वरिष्ठ उपप्रधान हरपाल बैंस ने कहा कि अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाते हैं। जिससे शिक्षा के स्तर में गिरावट आती है। इसके लिए बाद में शिक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाता है। 
केवल तीन कार्य ले सकते हैं : 
आरटीआई के अनुसार अध्यापकों से शिक्षण कार्य के अलावा तीन प्रकार के कार्य लिए जा सकते हैं। लोक सभा और विधान सभा चुनाव, जनगणना और प्राकृतिक आपदा से निपटने की ड्यूटी। इन तीन गैर शिक्षण कार्यों के अलावा शिक्षकों से अन्य कोई भी कार्य नहीं लिया जा सकता। लेकिन आज शिक्षकों से अनेक प्रकार के गैर शिक्षण कार्य लिए जा रहे है। प्रशासनिक अधिकारी कानून और नियम को ताक पर रखकर गैर शैक्षणिक कार्य जिनमें मिड-डे मील, बाढ़ राहत ड्यूटी, बीएलओ, आयरन और पेट के कीड़े मारने की गोलियां बांटना, कंप्यूटर पर ऑनलाइन डाक तैयार करना जैसे कार्य करवाते हैं। जिसका सीधा असर शिक्षा पर पड़ रहा है।
सबसे अधिक बीएलओ ड्यूटी शिक्षकों की 
अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप सरीन ने बताया कि जिले में विधानसभा क्षेत्र के 747 बूथ हैं। जिन पर 750 कर्मचारियों की बीएलओ ड्यूटी लगाई गई है। उनमें से 656 कर्मचारी शिक्षा विभाग से कार्य कर रहे है। इसके विपरीत बिजली विभाग से केवल पांच, रोडवेज से तीन और स्वास्थ्य विभाग से चार, बाल विकास विभाग से 11, पीडब्ल्यूडी से आठ और अन्य विभागों से 63 कर्मचारी लगाए गए हैं। शिक्षा विभाग से सबसे अधिक कर्मचारी लगाने का औचित्य समझ में नहीं आता। बीएलओ को वोट बनाने के लिए घर-घर जाना पड़ता है। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावी होते हैं। संघ के पदाधिकारियों ने मांग की है कि सरकार को शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए इन कार्यों पर अन्य विभागों के कर्मचारियों को लगाना चाहिए। मौके पर जोनल सचिव रविंद्र राणा, जयदेव आर्य, धर्मपाल सिंह, नरेंद्र लाड़ी, सुशील कुमार, तलविंद्र शास्त्री, रमेश शर्मा, ठाकुर सिंह और जसवंत सिंह उपस्थित थे। .....db

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