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Saturday, 26 September 2015

नहीं दी जानकारी, डीईईओ ने भुगता जुर्माना

** आरटीआई  : 24 जनवरी को शिक्षक ने डाली थी पहली अपील, नहीं मिला कोई जवाब 
** काकोडिया के जेबीटी शिक्षक ने मांगी थी अपने एसीपी रिकॉर्ड संबंधी जानकारी
रेवाड़ी : एक जेबीटी शिक्षक को आरटीआई के तहत उसके ही रिकॉर्ड की जानकारी नहीं देने पर रेवाड़ी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) को हर्जाना भुगतना पड़ा। मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा डीईईओ पर हर्जाना लगाने के साथ ही शिक्षक को जानकारी देने के भी आदेश दिए हैं। फिलहाल डीईईओ की ओर से हर्जाने का भुगतान तो कर दिया गया है, मगर अभी तक शिक्षक को बाकी सूचना नहीं मिल पाई है। कृष्ण कुमार की सेकेंड एसीपी फाइल अगस्त 2014 में भेजी गई थी। इस कारण कृष्ण ने डीईईओ से जानकारी मांगी कि किस तिथि तक एसीपी लग जाएगी, एसीपी फाइल पर अब तक कार्रवाई क्या हुई है, कार्रवाई नहीं हुई ताे कारण बताएं, विभागीय नियम के अनुसार एक एसीपी केस की फाइल कितने दिन तक एक कार्यालय में रखी जा सकती है, यदि एसीपी मामले में लापरवाही विभागीय हो तो जिम्मेदारी किसकी, विभाग ऐसे कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है, वर्ष 2007 से 2014 तक सभी एपीआर की कॉपी दी जाए तथा काकोडिया स्कूल में एससी-बीसी विद्यार्थियों को दिए गए भत्ते की जानकारी दी जाए। 
मुख्य सूचना आयुक्त ने लगाया डीईईओ पर कंपन्सेशन चार्ज 
करीब एक माह बाद 20 फरवरी को शिक्षक द्वारा सेकेंड अपील डाली गई। इस पर शिक्षक को मांगी गई जानकारियों में से कुछ बिंदुओं पर तो जवाब दिया गया, मगर बाकी की जानकारी देने के बजाय गोलमाल जवाब दिया गया। इस पर चंडीगढ़ सूचना आयुक्त की ओर से डीईईओ को जानकारियां मुहैया कराने के संदर्भ में नोटिस भेज दिया गया। इस पर भी जानकारी नहीं दी गई तो मुख्य सूचना आयुक्त की आेर से डीईईओ पर एक हजार रुपए हर्जाना (कंपन्सेशन चार्ज) लगा दिया गया। जो कि डीईईओ द्वारा शिक्षक को दिए जाने थे। साथ ही मुख्य सूचना आयुक्त ने डीईईओ को सूचना उपलब्ध कराने के भी आदेश दे दिए। इसके बाद डीईईओ की ओर से अब ड्राफ्ट के माध्यम से शिक्षक को एक हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन अभी भी शिक्षक को उन बिंदुओं पर जानकारी नहीं दी गई है। 
10 माह पूर्व लगाई थी मांगी थी सूचना 
काकोडिया स्कूल में बतौर जेबीटी शिक्षक कार्यरत कृष्ण कुमार ने आईटीआई के माध्यम से 25 नवंबर 2014 को जिला शिक्षा अधिकारी से उसके एसीपी एपीआर संबंधी रिकॉर्ड की जानकारी मांगी गई थी। शिक्षक का कहना है कि डीईओ ने एप्लीकेशन को डीईईओ को मार्क कर दिया। लेकिन डीईईओ कार्यालय की ओर से शिक्षक को कोई जानकारी नहीं दी गई। इस पर 24 जनवरी को शिक्षक ने फर्स्ट अपील डाली, मगर इस पर भी कोई जवाब नहीं आया।                                                                            db 

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