महेंद्रगढ़ : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक द्वारा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों को फिर से विभिन्न कक्षाओं में पढ़ाने का निर्णय ले लिया गया है, परंतु इस प्रणाली से शिक्षा ग्रहण करने के लिए अभी जिले के कॉलेजों के माध्यम से आवेदन आमंत्रित नहीं किए गए हैं।
सत्र 2015-16 के लिए 15 सितम्बर से केवल ऑनलाइन आवेदन विद्यार्थियों से मांगे गए हैं। इस निर्णय से प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों में विभिन्न कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण करने की उम्मीद जगी है। एमडीयू को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के पाठ्यक्रमों को यूजीसी से सत्र 2015-16 के लिए मान्यता मिल गई है। विश्वविद्यालय द्वारा अभी ऑनलाइन आवेदन जमा करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। महाविद्यालयों में आवेदन की प्रक्रिया के अभी तक कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय द्वारा यूसीजी से मान्यता नहीं मिलने के कारण गत दो वर्षों से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिए जा रहे थे। जिससे महेंद्रगढ़ जिले के 25 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी महाविद्यालयों में दाखिला नहीं होने के कारण आगामी शिक्षा से वंचित रह गए। इस बार दूरस्थ शिक्षा को मान्यता मिलने से डीडीई पाठ्यक्रमों में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। जिले में 25 हजार से भी अधिक विद्यार्थी सीबीएसई हरियाणा बोर्ड से बारहवीं कक्षा पास करते हैं।
आगामी कक्षाओं में प्रवेश लेने के लिए इन विद्यार्थियों को महाविद्यालय द्वारा जारी की जाने वाली मेरिट सूची में स्थान नहीं मिलने से एडमिशन से वंचित रहना पड़ता था। परंतु सत्र 2015-16 में इन विद्यार्थियों को आगामी कक्षाओं में प्रवेश पाने के लिए दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करने का अवसर मिल जाएगा।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से संबंधित महाविद्यालयों में रेगुलर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा लेट फीस से एडमिशन लेने का एक ओर अवसर प्रदान किया गया है। इस निर्णय से विद्यार्थी विलंब शुल्क के साथ 21 सितम्बर तक विभिन्न महाविद्यालयों में एडमिशन ले सकेगा। विश्वविद्यालय द्वारा अपने महाविद्यालयों में किसी भी कारण के चलते दाखिले से वंचित रहने वाले विद्यार्थियों को रेगुलर पढ़ाई करने का एक मौका ओर दिया गया है। निर्णय के अनुसार ऐसे विद्यार्थियों को 2500 रुपए लेट फीस के साथ दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ-साथ एडमिशन से संबंधित आवेदन की एक प्रति महाविद्यालय में हार्ड कॉपी के रूप में जमा करवानी होगी। आवेदन फार्म में वेरिफिकेशन में सत्यता पाई गई तो विद्यार्थी को प्रवेश दे दिया जाएगा। प्रो. नसीब सिंह गिल निदेशक डीडीई एमडीयू ने बताया कि विवि ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की संयुक्त सचिव रेणु बतरा की ओर से एमडीयू के रजिस्ट्रार को अधिकारिक पत्र प्राप्त हुआ है।
एक सप्ताह पूर्व मिली मान्यता
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में गत दो वर्षों से दूरस्थ शिक्षा को यूजीसी से मान्यता नहीं मिलने के कारण महेंद्रगढ़ जिले के 30 हजार से भी अधिक विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रवेश लेने से वंचित रह गए। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा पिछले गुरुवार को एमडीयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय एवं रजिस्ट्रार को अधिकारिक सूचना विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा प्रारंभ करने के लिए दे दी गई। जिसके तहत विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। महाविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ की जाएगी।
इन कक्षाओं में दूरस्थ शिक्षा का मिलेेगा लाभ
एमडीयू द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीए, बीकॉम स्नातक के विद्यार्थियों को प्रवेश प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ-साथ एमकॉम, एमएससी गणित, लाइब्रेरी साइंस, हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र में एमए तथा लोक प्रशासन में एमए करने का अवसर मिलेगा क्योंकि महाविद्यालयों में विभिन्न कोर्सों में विद्यार्थियों को सीटें कम होने के कारण दाखिला नहीं मिल पाता जिले में दूरस्थ शिक्षा प्रारंभ होने से सबसे ज्यादा लाभ हरियाणा बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा। db
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