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Sunday, 20 September 2015

मंथली असेसमेंट में रेवाड़ी एक प्रतिशत से चूका

रेवाड़ी : राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) गुड़गांव के मंथली असेसमेंट टेस्ट के अध्ययन में चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। पहली से आठवीं तक की हो रही मंथली एग्जामिनेशन में रेवाड़ी की स्थिति ठीकठाक कही जा सकती है, जबकि बहुत से जिलों के हालात अभी बेहतर नहीं हैं। परिषद की ओर से तैयार रिपोर्ट में रेवाड़ी का स्थान चौथा है, जबकि प्रथम स्थान गुड़गांव का है। सूची में पलवल, यमुनानगर मेवात निचले पायदान पर हैं। 
तीन माह के असेसमेंट का अध्ययन 
प्रदेश के स्कूलों में मंथली एग्जामिनेशन का कैसा प्रभाव पड़ रहा है। इसका असर छात्रों की स्थिति पर कितना पड़ रहा है, यह जानने के लिए अध्ययन किया गया। एससीईआरटी ने अध्ययन के लिए 50 फीसदी अंक का मानक तय किया। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें तीन माह मई, जुलाई अगस्त के मंथली असेसमेंट के आधार पर प्रदेश के विभिन्न जिलों की स्थिति निकाली गई है। इसमें रेवाड़ी की स्थिति मई में तो ठीक ठाक रही, मगर इसके बाद गिरावट तथा अब फिर से दो प्रतिशत का सुधार रहा। हालांकि रेवाड़ी का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। क्योंकि एससीईआरटी की निर्धारित मानक प्रतिशत से अभी रेवाड़ी एक प्रतिशत कम रहा। वैसे मंथली असेसमेंट से स्कूलों में उपस्थिति और बेहतर करने के प्रति सतर्कता बढ़ी है। अध्ययन में मिडिल के छात्रों का प्रदर्शन पहले से अच्छा हुआ है।
असेसमेंट टेस्ट से शिक्षा में आई गंभीरता 
"मंथलीअसेसमेंट टेस्ट से छात्र शिक्षकों में गंभीरता आई है। पढ़ाई पर ध्यान दिया जा रहा है। दूसरी तरफ स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। बड़ी संख्या में पद खाली हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उम्र के हिसाब से एडमिशन देना होता है। ऐसे में कमजोर बच्चों पर अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से पास प्रतिशत पर असर पड़ना लाजिमी है।"-- चंद्रहास, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ। 
टीक वर्क से होगा काम 
"शैक्षणिक स्तर सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को मंथली असेस्मेंट में उतने ही नंबर दें जितना उसने लिखा है, ताकि बच्चे के स्तर का मूल्यांकन ठीक से हो सके। बाकी जिला की स्थिति में और सुधार हो इसके लिए टीम वर्क से काम किया जाएगा तथा स्कूलों को भी निर्देश दिया जाएगा कि वे इसे गंभीरता से लें। वैसे मंथली टेस्ट से सकारात्मक बदलाव हुए हैं।"-- धर्मबीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी।                                                                                  db

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