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Tuesday, 22 September 2015

पंचायत चुनाव: असमंजस में बोर्ड कक्षा के छात्र

महम : पंचायत चुनाव ने बोर्ड के उन लाखों छात्रों को असमंजस में डाल दिया, जो प्रथम सेमेस्टर परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। परीक्षा का समय नजदीक रहा है, लेकिन भिवानी बोर्ड से उन्हें अभी तक आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं कि तय समय पर उनकी परीक्षाएं होंगी या नहीं। 
 कोई चुनाव के बाद परीक्षा होने की बात कह रहा है तो कोई मार्च में दोनों सेमेस्टर की परीक्षा एक ही बार में होने का दावा कर छात्रों के मन को विचलित कर रहा है। स्पष्ट जवाब मिल पाने की वजह से तैयारियों में जुटे छात्रों का मनोबल जवाब देने लगा है। 10वीं 12वीं के छात्रों का कहना है कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने विगत में 29 सितंबर से 21 अक्टूबर तक उनकी परीक्षाएं लेने की बात कही थी। इसके लिए बाकायदा डेट सीट भी जारी कर दी गई है। परीक्षा समय पर होगी या चुनाव की वजह से इनका समय आगे किया जाएगा इस बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं दे रहा। 
क्या कहते हैं अध्यापक 
"चुनाव में अध्यापकों की ड्यूटी लगे होने से परीक्षा चुनाव में एक साथ काम करना मुश्किल है। छात्रों को परीक्षा के बारे में जानकारी मिले तो वे अपने हिसाब से तैयारी करें।"-- बसंतलालगिरधर, मुख्याध्यापक 
"छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा होगी या नहीं इस बारे बोर्ड से कोई जवाब नहीं मिल पा रहा। छात्र विचलित हैं। बोर्ड को स्पष्ट कर देना चाहिए।"-- सहीरामबामल, स्कूल संचालक 
"प्रथम समेस्टर की परीक्षा चुनाव बाद हुई तो दूसरे समेस्टर के लिए समय कम रह जाएगा। परीक्षा होंगी या नहीं किसी छात्र को जानकारी नहीं है।"-- अंजली,छात्रा 
अध्यापकों की चुनाव में ड्यूटी से संकट में परीक्षा 
अध्यापकों का कहना है कि अधिकतर अध्यापकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगी होने की वजह से निश्चित समय पर बोर्ड परीक्षा होनी मुश्किल है। परीक्षा के दौरान उड़नदस्ते सहित बच्चों के पेपर भी अध्यापकों को लेने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि यदि चुनाव के तुरंत बाद परीक्षा होती है तो मार्च में होने वाले दूसरे सेमेस्टर की तैयारी का छात्रों को कम समय मिलता है। अध्यापकों का कहना है कि बोर्ड को छात्रों के हित ध्यान में रखते हुए दोनों सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में एक साथ करने की जल्द सूचना जारी कर देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने चार से 18 अक्टूबर के बीच तीन चरणों में पंचायत चुनाव की तिथि तय की है। चुनाव और परीक्षा दोनों में अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। एक साथ दोनों की व्यवस्थाएं करना सरकार प्रशासन के लिए मुश्किल कार्य है। ऐसे में इन परीक्षाओं को सुचारू रूप से संपन्न कराना चुनौती होगी।                                                db

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