** शिक्षकों ने खुद को सरप्लस होने से बचाने के लिए किया फर्जीवाड़ा
सिरसा : सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने खुद को सरप्लस होने से बचाने के लिए 2014-15 के शिक्षा सत्र में बच्चों के फर्जी एडमिशन दिखाए हैं। जिले भर में करीब 1150 फर्जी एडमिशन अनुपस्थित छात्र संख्या दिखाई गई है। वहीं प्रदेश में यह आंकड़ा 57400 का है। इस मामले में आरोपी शिक्षकों पर विभाग आर्थिक दंड लगाने की तैयारी में है। जिसके लिए शिक्षा विभाग के निदेशक मौलिक शिक्षा अधिकारी ने प्रदेश के 18 जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। विभाग का कहना है कि इन फर्जी दाखिलों की एवज में मिड डे मील का राशन भी स्कूलों में दिया गया है। राशन के बराबर राशि संबंधित स्कूलों के शिक्षकों से दंड के रूप में वसूली जाएगा, साथ ही जुर्माना भी लगेगा।
छात्रों की संख्या के अनुसार रखे जाते हैं शिक्षक
राजकीय स्कूलों में रैशनलाइजेशन के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जानी थी। इसके तहत छात्रों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की पोस्ट बनती है। शिक्षा विभाग ने रैशनलाइजेशन के तहत स्कूलों से रिपोर्ट मांगी। शिक्षकों ने अपनी पोस्ट सरप्लस होने से बचाने के लिए गड़बड़ी की। इसके लिए स्कूलों में शिक्षकों ने विद्यार्थियों के फर्जी एडमिशन दिखाए गए। वहीं स्कूलों में अनुपस्थित छात्रों की संख्या में मिड डे मील के अंदर भी धांधली की गई।
अब होगी कार्रवाई
राजकीय स्कूलों में फर्जी अनुपस्थित छात्र संख्या दिखाने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने मिड डे मील की राशि भी वसूल होगी। प्राइमरी की कुकिंग कोस्ट 3.58 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन अपर प्राइमरी में 5.39 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन के दर से जितनी बोगस छात्र संख्या जितने दिनों से दर्शाई गई है, उन दिनों की राशि जोड़ी जाएगी। इसके बाद वह राशि जुर्माना राशि लगाई जाएगी। इसके बाद यह राशि शिक्षकों को जमा करवानी होगी। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
18 जिलों में मिले फर्जी दाखिले
प्रदेशके सिरसा, अंबाला, भिवानी, फतेहाबाद, गुडगांव, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक सोनीपत जिले में 57400 विद्यार्थियों के फर्जी अनुपस्थित छात्र की संख्या दिखाई गई। सिरसा खंड शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा ने राजकीय स्कूलों में फर्जी अनुपस्थित छात्र संख्या दिखाने वालों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभाग ने पहले रिपोर्ट मांगी थी। db
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