कैथल : समाज में पारिवारिक मूल्यों के हो रहे हृास, पिता-पुत्र व अन्य संबंधों की गर्माहट में आ रही कमी के किस्से अब आम है। इन रिश्तों की मजबूती तथा इनके महत्व को समझाने की दिशा में पहली बार एक शासकीय प्रयास होने जा रहा है। प्रदेश के स्कूलों में एक अक्तूबर को बड़े स्तर पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय एल्डर्स डे मनाया जा रहा है। इस दिन न केवल बच्चों को जीवन में माता-पिता, दादा-दादी व नाना-नानी के महत्व को समझाया जाएगा। बल्कि उनके द्वारा निभाए गए दायित्वों का भी एहसास करवाया जाएगा। समारोह केवल औपचारिकता या रस्म अदायगी तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि छात्र-छात्राएं अपने बुजुर्गों के मान-सम्मान की प्रतिज्ञा भी लेंगे।
यूं तो विश्वभर मंे एल्डर्स डे मनाया जाता रहा है। हमारे देश में इसका प्रचलन नहीं रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ की आेर से एक अक्तूबर को मनाए जाने वाले डे के लिए इस बार सरकार ने सभी स्कूलों में यह दिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया है। जिसके लिए हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें 1 अक्तूबर को एलडर्स डे मनाने निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि 1 अक्तूबर को अपने बुजुर्गों को सम्मान देने की दिशा में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
ये ली जाएगी शपथ
हम प्रतिज्ञा करते हैं कि सभी बुजुर्गों का प्रतिदिन सम्मान करेंगे। मन, वचन एवं कर्म से अपने बड़ों, माता-पिता, दादा-दादी व नाना-नानी के प्रति कृतज्ञ रहेंगे। जिन्होंने अपने कर्तव्यों का का पालन किया है। उन सभी के प्रति सदा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। अपने परिवार एवं समुदाय के के सभी बुर्जुों को स्नेह, सम्मान व सुरक्षा प्रदान करते रहेंगे। au
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