यमुनानगर : प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु कम करने की तैयारी पर शिक्षक वर्ग में रोष है। रविवार को शिक्षक संगठनों ने बैठकों का आयोजन करके सरकार के इस निर्णय को गलत करार दिया।
हरियाणा विद्यालय प्राध्यापक संगठन की जिला कार्यकारिणी की बैठक रविवार को प्रधान वेद प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष करने की तैयारी के प्रति रोष प्रकट किया गया।
जिला प्रधान वेद प्रकाश ने बताया कि छठे वेतन आयोग में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने की सिफारिश की गई थी। केंद्रीय सरकार ने भी सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी थी। प्रदेश के कर्मचारियों के लंबे संघर्ष के बाद पिछली सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में दो वर्ष का इजाफा किया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को समीक्षा के नाम पर द्वेष भावना से कर्मचारियों के हित में लिए गए फैसले को वापस नहीं लेना चाहिए। मौके पर धर्मपाल राठौर, रामचंद्र, अशोक कुमार, रमेश कांबोज, पवन बटार, रामरतन धीमान आदि मौजूद थे।
उधर, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-70 सम्बंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन, चेयरमैन कुलभूषण शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से घटा कर फिर से 58 वर्ष करने की अफवाहें इस समय प्रांत में जोरों पर हैं। यदि इस अफवाह में कोई भी सच्चाई है तो वह कर्मचारियों के हित में नहीं है।
सेवानिवृत्ति की आयु न घटाए जाने बारे अध्यापक संघ राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के समक्ष अपना पक्ष रख चुके हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे कर्मचारियों की पेंडिंग पड़ी बहुत-सी जायज व आवश्यक मांगों को भी पूरा करें न कि वर्तमान सुविधाओं का हनन करें। संघ के मुख्य सलाहकार जयदेव आर्य, डाक्टर श्रीनिवास, वरिष्ठ उपप्रधान दिलबाग सिंह अहलावत, प्रांतीय सचिव संजीव मन्दोला व प्रांतीय प्रवक्ता रविंदर राणा ने बताया कि सरकार को चाहिए कि 58 पर स्वेच्छा से रिटायर होने की शर्त के साथ इस आयु को 60 वर्ष ही रखें और महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत मूल वेतन में जोड़कर कर्मचारियों को राहत प्रदान करें। dt
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