नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली करदाताओं को राहत दे सकते हैं। वे वेतनभोगी और मध्यम वर्ग पर टैक्स का और बोझ बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। वे चाहते हैं कि करदाताओं के जेब में ज्यादा पैसा हो। ताकि वे ज्यादा खर्च करें और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़े। जेटली ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि वे टैक्स चोरी करने वालों को कर के दायरे में लाने के लिए कसर नहीं छोड़ेंगे। जेटली फरवरी में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेंगे। उन्होंने कहा, 'पिछले बजट में मैंने आयकर छूट सीमा 2 से बढ़ाकर 2.5 लाख रु. की थी। अगर मेरे पास पास धन की कमी नहीं होती तो इसे और बढ़ाता।' जेटली ने कहा, '2.5 लाख की आयकर छूट सीमा और कटौतियों को शामिल करें तो 3.5 से 4 लाख रु. सालाना कमाई वाले को टैक्स नहीं देना पड़ता है। उधर, पेट्रोलियम मंत्रालय ऐसे सभी लोगों की एलपीजी सब्सिडी खत्म करने के पक्ष में है, जिनकी मासिक आय 50,000 रुपए या अधिक यानी सालाना 6 लाख रुपए या इससे अधिक है।
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