चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष करने के आदेश अभी तक बोर्ड और निगमों में नहीं पहुंचे हैं। 30 नवंबर को सरकार अगस्त से नवंबर तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की विदाई की डेड लाइन पहले ही तय कर चुकी है। बावजूद अभी तक सरकारी विभागों में पशोपेस की स्थिति है। कुल साढे चार से पांच हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होने हैं।
सरकारी विभागों में आदेश आने के बाद अभी तक लगभग तीन हजार कर्मचारियों को ही सेवानिवृत्ति दी गई है। जबकि दो हजार के आसपास कर्मचारी आदेशों के इंतजार में ही हैं। 30 नवंबर को रविवार पड़ रहा है, इसलिए इन कर्मचारियों की रिटायरमेंट अब पहली दिसंबर या उसके बाद ही होगी। चूंकि बोर्ड और निगम बिना आदेश मिले, किसी कर्मचारी को मौखिक आदेशों पर सेवानिवृत्त नहीं कर सकते हैं।
सरकारी विभागों में आदेश आने के बाद अभी तक लगभग तीन हजार कर्मचारियों को ही सेवानिवृत्ति दी गई है। जबकि दो हजार के आसपास कर्मचारी आदेशों के इंतजार में ही हैं। 30 नवंबर को रविवार पड़ रहा है, इसलिए इन कर्मचारियों की रिटायरमेंट अब पहली दिसंबर या उसके बाद ही होगी। चूंकि बोर्ड और निगम बिना आदेश मिले, किसी कर्मचारी को मौखिक आदेशों पर सेवानिवृत्त नहीं कर सकते हैं।
सेवानिवृत्ति आयु घटाने पर सरकार की सफाई
कर्मचारियों की सेवानिवृति आयु 60 साल से घटाकर 58 साल करने पर सरकार ने सफाई दी है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने कहा कि यह निर्णय कर्मचारियों के विरुद्ध किसी दुर्भावना से नहीं लिया गया गया है। ये युवाओं और कर्मचारियों के प्रति भाजपा सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 6 लाख से भी अधिक युवाओं के नाम दर्ज हैं और सरकार उनकी अनदेखी नहीं कर सकती। पूर्व कांग्रेस सरकार का सेवानिवृति आयु बढ़ाने का निर्णय राजनीतिक था। वित्त विभाग ने सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को देय लाभों का भुगतान करने का पहले ही प्रावधान किया हुआ है। dj
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