बाकायदा छात्राओं को भी यूजीसी ने अपनी इस नई नीति में शामिल किया है। उनसे भी इस संबंध में भी राय मांगी गई है। इस पूरे मामले में समीक्षा और राय के बाद नई गाइडलाइंस तैयार की जाएंगी। कॉलेजों को जारी पत्र में कहा कि गर्ल्स स्टूडेंट्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी कॉलेज प्रमुख की ही होगी। इसके लिए उन्हें पुख्ता इंतजाम के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।
अभिभावक अन्य भी दें सकते हैं सुधार में योगदान
इतना ही नहीं कॉलेज में गर्ल्स छात्राओं की सुरक्षा के संबंध में यदि कोई व्यक्ति या संस्थान राय देना चाहता है, तो यूजीसी की वेबसाइट पर पैरंट्स कॉर्नर के पब्लिक ओपिनियन में वह अपनी राय लिख सकते हैं। साथ ही उसे बताना होगा कि आखिर यह कदम क्यों उठानी चाहिए। यह सब यूजीसी ने स्टूडेंट्स की दिक्कतों को कम करने और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए किया है।
सुरक्षा बजट मांगा जाएगा
स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर समीक्षा किए जाने के बाद 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत कॉलेजों से सुरक्षा का बजट मांगा जाएगा। इसके तहत कॉलेज किन-किन चीजों के लिए कितना बजट वे चाहते हैं, इसका प्रस्ताव लिया जाएगा। उसके बाद यूजीसी की टीम निरीक्षण कर बजट अलॉट करेगी। यूजीसी मसले पर महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल के साथ मिलकर इस महीने बैठक भी करेगी। इसमें गवर्नमेंट और नॉन गवर्नमेंट कॉलेजों में मौजूद सुविधाओं की लिस्ट तैयार कर यूनिवर्सिटी यूजीसी को भेजेगा।
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