चंडीगढ़ : हरियाणा में करीब तीन साल पहले हुए जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। हाई कोर्ट के निर्देश पर की जा रही जांच में अभी तक करीब दो हजार शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जांच के दौरान ज्यादातर अंगूठे फर्जी पाए गए हैं। फर्जीवाड़े के ऐसे मामले और भी सामने आने की संभावना है।
प्रदेश के शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शिक्षा सचिव टीसी गुप्ता को रिपोर्ट सौंप दी है। वर्ष 2011 में 8285 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती हुई थी। इस भर्ती से पहले पात्रता के लिए आयोजित हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थी, जिस पर हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक को न केवल रिपोर्ट देने के लिए कहा था, बल्कि बाद में इस भर्ती में अंगूठों की जांच के आदेश भी दिए थे। इसके बाद से एचएपी मधुबन में यह कार्य चल रहा है। भर्ती में अनियमितताएं उजागर करने पर तत्कालीन पुलिस अधिकारी लायक राम डबास को वहां से हटाया भी जा चुका है। अभी तक 5784 जेबीटी के अंगूठों का मिलान हो चुका है। बाकी की प्रक्रिया चल रही है। इनमें 1855 जेबीटी की नियुक्ति में धांधली पकड़ी जा चुकी है।
इन शिक्षकों के अंगूठों का मिलान नहीं हो पाया है। इनमें भिवानी के 802, हिसार के 405, रोहतक के 201, ङज्जर से 83, कुरुक्षेत्र से 18, पलवल से 5, अंबाला से 8, यमुनानगर से दो और सोनीपत से 124 जेबीटी शिक्षक शामिल हैं। इनके अलावा गुड़गांव के 88, फरीदाबाद व पानीपत से 45, करनाल से 108, नारनौल से 14 और फतेहाबाद से 68 जेबीटी शिक्षकों के अंगूठे फर्जी पाए गए हैं।
शिक्षा सचिव टीसी गुप्ता को सौंपी रिपोर्ट के मुताबिक एचटेट की परीक्षा देने वाले भी फर्जी थे। किसी ने किसी के स्थान पर परीक्षा दी। कई फार्म ऐसे भी मिले, जिन पर दस्तावेज उचित नहीं थे और फोटो भी बदले हुए पाए गए। अगले एक पखवाड़े में बाकी बचे हुए जेबीटी की जांच पूरी हो जाने की उम्मीद है। dj
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