नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालयों में तीसरी भाषा के रूप में जर्मन की जगह संस्कृत पढ़ाने के केंद्र के फैसले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वागत करते हुए इसे अगले सत्र से लागू करने पर विचार करने को कहा है। अदालत ने इसे सत्र के बीच में ही शुरू करने पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आप अपनी गलती के लिए छात्रों को क्यों दंडित कर रहे हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन पढ़ाने को त्रिभाषा के सिद्धांत का उल्लंघन करार देते हुए सत्र के बीच में ही उसकी जगह संस्कृत पढ़ाने का निर्देश दिया था। अभिभावकों की एक याचिका पर शीर्ष अदालत ने सरकार से सत्र के मध्य में ही जर्मन की जगह संस्कृत शुरू नहीं करने पर विचार करने और इसे अगले सत्र से क्रियान्वित करने को कहा है। हालांकि, अदालत ने छठवीं से आठवीं तक संस्कृत पढ़ाने के फैसले का स्वागत किया। au
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.