कुरुक्षेत्र : शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही थी। ऐसे संकेत मिले कि फर्जी दस्तावेजों पर शिक्षक भर्ती किए जा रहे थे। शिक्षक बोर्ड में भी विषय विशेषज्ञों की बजाय रिश्तेदारों को ज्यादा तवज्जो दी गई थी। राज्य सरकार ने योग्य प्रार्थियों को लगाने और पारदर्शिता लाने के लिए ही शिक्षक भर्ती बोर्ड को रद्द करने का निर्णय लिया है।
इन बोर्डों के सभी सदस्य पिछली सरकार के मंत्रियों और विधायकों के रिश्तेदार ही थे। उन्होंने बताया कि शिक्षक भर्ती बोर्ड के माध्यम से जो शिक्षक भर्ती किए गए। उनके दस्तावेजों की जांच के बाद तथ्य सामने आए हैं कि कागजों पर हाथ की बजाय पैरों के अंगूठों के निशान लगाए हुए हैं। जो अनुभव पत्र साथ लगे हैं, वो संस्थान ही कार्यरत नहीं हैं। इतना ही नहीं, शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी ऐसे शिक्षण संस्थानों के हैं, जिनका अस्तित्व ही नहीं है। फिलहाल राज्य सरकार भर्ती हुए शिक्षकों की समीक्षा कर रही है। समीक्षा रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। db
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