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Thursday, 20 November 2014

अध्यापक संघ ने सरकार से कहा- रिटायरमेंट उम्र बारे पहले हमसे बात करो

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के अधिकतर मंत्री कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को 60 से घटाकर 58 वर्ष किए जाने की वकालत कर रहे हैं, इसकी भनक लगते ही कर्मचारियों में विरोध भी शुरू हो गया है। वैसे सर्व कर्मचारी संघ को जहां रिटायरमेंट उम्र 58 करने पर कोई आपत्ति नहीं है वहीं हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने इसके विरोध में है। 
रिटायरमेंट उम्र को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 साल करने का फैसला पूर्व की हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हुआ था। विधानसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले ही लिये गये इस फैसले की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है, इसके बाद कर्मचारियों पर यह फैसला लागू हो चुका है। खट्टर सरकार ने हुड्डा सरकार के कुल 115 फैसलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इनमें एक फैसला कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाने का भी है। सूत्रों का कहना है कि लगभग पूरी कैबिनेट रिटायरमेंट उम्र को फिर से 58 करने के लिए राजी है। इसके लिए सभी तैयारियां हो चुकी हैं और मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी हो सकती है। समीक्षा की चर्चाओं ने कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है।
प्रधान सचिव को पत्र
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के चेयरमैन कुलभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन तथा महासचिव संजीव मंदौला ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 करने से पहले शिक्षक संगठनों से बात की जाए, ताकि वे अपना पक्ष रख सकें।
काॅलेजों में पहले ही 60 साल
हरियाणा सरकार से सहायता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र पहले से ही 60 वर्ष है। वहीं यूजीसी ने शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 62 करने की सिफारिश की है। राज्य के सरकारी कॉलेजों में रिटायरमेंट की उम्र पहले 58 वर्ष थी, जिसे बढ़ाकर हुड्डा सरकार ने 60 वर्ष किया था। खट्टर सरकार अगर पूर्व सरकार के फैसले को वापस लेती है तो सरकारी कॉलेजों सहित अन्य विभागों तथा बोर्ड एवं निगमों में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र फिर से 58 वर्ष हो जाएगी।
यह हमारी मांग नहीं थी: 
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लाम्बा का कहना है कि उन्होंने हुड्डा सरकार से रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की मांग नहीं की थी, पूर्व की सरकार ने अपनी मर्जी से यह फैसला किया था। कर्मचारियों की मुख्य मांग पंजाब के समान वेतनमान एंव पेंशन दिए जाने तथा कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की है। हम सरकार से जल्द मुलाकात करेंगे।                                              dt181114

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