शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी अध्यापकों के निदेशालय में निपटाए जाने वाले मामलों को जिला स्तर पर निपटाने की योजना को निदेशालय ने मंजूरी दे दी है। जिला स्तर पर एसीपी मामले निपटाए जाने की फाइल को निदेशालय से मंजूरी के बाद वित्त विभाग के पास भेज दी है। इसके अलावा निदेशालय ने जिला स्तर पर मेडिकल बिलों की मंजूरी के लिए भी एक मेडिकल नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। सेकेंडरी शिक्षा विभाग निदेशक ने भी इस योजना के लिए मंजूरी दे दी हैं।
दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों की प्रमोशन के लिए प्रदेश के सभी जिलों के लेक्चरर और मास्टर्स के एसीपी के मामलों को निदेशालय स्तर पर निपटाया जाता है। जबकि जेबीटी, पीटीआई, पंजाबी और सीएंडबी अध्यापकों के एसीपी के मामलों को विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला स्तर पर निपटा देता है। निदेशालय स्तर पर भेजे जाने वाले अध्यापकों के मामलों को निपटाने के लिए अध्यापक द्वारा अपनी सर्विस बुक और एसीआर प्रोफार्मा भरकर खंड और मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी के पास भेजा जाता है। लेकिन सेकेंडरी शिक्षा विभाग निदेशक ने प्रदेश के सभी एसीपी मामलों को जिला स्तर पर निपटाए जाने की योजना को हरी झंडी देकर मंजूरी के लिए शिक्षा विभाग वित्त विभाग के पास भेज दिया है। जैसे ही वित्त विभाग से इस फाइल को हरी झंडी मिल जाती है उसके बाद से हजारों अध्यापकों की निदेशालय की चक्कर काटने से छुट्टी हो जाएगी। मौजूदा समय में कई महीनों तक भी निदेशालय में फाइलों पर कोई काम न होने की एवज में अध्यापकों को पंचकूला सेक्टर-पांच स्थित शिक्षा सदन में चक्कर काटने पड़ते है। शिक्षा सदन में पहुंचने पर अधिकारियों द्वारा यह जवाब मिलता है कि उनकी फाइलों में कई कागज नहीं है तो उनकी फाइलों को रिजेक्ट फाइलों में डाला गया है। लेकिन जिला स्तर पर आ जाने के कारण अब अध्यापकों को काफी राहत मिल जाएगी। वैसे शिक्षा विभाग पहले तो 10, 20 और 30 साल बाद अध्यापकों की इंक्रीमेंट और प्रमोशन करता था, लेकिन करीब एक साल पहले इसमें बदलाव करते इस समय सीमा को विभाग की ओर से कम कर दिया गया था। अब यही प्रमोशन 8, 16 और 24 सालों बाद की जाती है।
नियुक्त होगा मेडिकल नोडल अधिकारी
जिला स्तर पर महानिदेशक कार्यालय की ओर से मेडिकल बिलों को पास करने के लिए भी एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किए जाने की योजना बनाई गई है। इस योजना को भी वित्त विभाग की ओर से हरी झंडी मिलते ही पूरे प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में नोडल अधिकारी को नियुक्त कर दिया जाएगा। मेडिकल नोडल अधिकारी के आ जाने से जिला स्तर पर दो कर्मचारियों की सिरदर्द कम हो जाएगी जो मौजूदा समय में बिलों की जांच करने का काम करते हैं। djambl
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