चंडीगढ़ : हरियाणासरकार के शिक्षा नियम 134 का पालन होने के मामले में बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को भी इस मामले में शामिल करते हुए उनसे जवाब तलब किया है।
जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब सरकार को स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाए जाने के बारे में उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा। साथ ही यह भी जवाब देने को कहा कि किस प्रकार प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की मुफ्त या कम फीस पर क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध है। अभी तक हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार से ही जवाब मांगा था। लगातार हरियाणा सरकार के अधिकारी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख रहे थे और प्राइवेट स्कूलों ने अपना पक्ष रखा था। बुधवार को हरियाणा सरकार की ओर से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय दिए जाने की मांग की गई। कोर्ट ने हरियाणा सरकार के साथ पंजाब सरकार को भी इस मामले में शामिल कर लिया।
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि बच्चों की शिक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में पंजाब सरकार को भी जवाब दाखिल करना चाहिए। पंजाब सरकार अगली सुनवाई के दौरान बताए कि इस शिक्षा नियम के बारे में उनकी क्या राय है और अभी तक इस बारे में उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। इस मामले को उठाने वाले दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के अध्यक्ष वकील सत्यवीर सिंह हुडा ने कहा कि 19 जून 2013 को हरियाणा सरकार ने अधिसूचना जारी कर 25 फीसदी आरक्षण को कम कर 10 फीसदी कर दिया लेकिन इसे विधानसभा से पारित नहीं कराया गया। हाईकोर्ट ने 20 नवंबर 2013 के फैसले में कहा था कि अधिसूचना को लागू करने के लिए विधानसभा से पारित कराया जाए। ऐसा करने पर अधिसूचना प्रभावी नहीं रही है और पहले की स्थिति ही बरकरार है जिसमें 25 फीसदी आरक्षण देने का नियम है। ऐसे में निजी स्कूल हरियाणा सरकार के साथ मिल कर कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। db
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