चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु घटाने के मामले में बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है। सरकार न तो कर्मचारियों को नाराज करना चाह रही और न ही खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालने के पक्ष में है। कुछ मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को रिटायरमेंट आयु 60 साल से घटाकर 58 साल करने की बजाय 59 साल करने का सुझाव दिया है। सुझाव नहीं माना जाता तो कर्मचारी आंदोलन पर उतारू हो जाएंगे व रिटायर होने वाले हजारों कर्मियों को एकमुश्त भुगतान करने पड़ेंगे।
30 नवंबर तक पांच हजार कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। लिहाजा उन्हें किए जाने वाले एकमुश्त भुगतान से सरकारी खजाने पर असर पड़ेगा। मनोहर सरकार ने हाल ही में 500 करोड़ का ऋण लेने का फैसला किया है। रिटायरमेंट आयु 59 साल करने के सुझाव पर मंत्रिमंडल कितना अमल करता है, इस पर सभी की निगाह है। अगर सरकार रिटायरमेंट की उम्र को घटाती है तो नौकरियों में प्रवेश के लिए बढ़ाई गई उम्र की सीमा में भी कटौती लाजिमी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक एक माह में तीसरी बैठक होगी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर हुड्डा सरकार ने 62 वर्ष कर दिया था। अगर कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से घटाकर 58 साल होती है तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु भी कम होना तय है।
रि-इंप्लाइमेंट हासिल करने वालों पर गाज संभव
राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को होने वाली बैठक में विभिन्न विभागों में रि-इंप्लाइमेंट हासिल करने वाले कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। इस बारे में राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों की सूची तलब कर रखी है।
नौकरी की उम्र सीमा घटाने की तैयारी
हुड्डा सरकार ने नौकरी में प्रवेश के लिए तय आयु सीमा में भी बढ़ोतरी की थी। सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए सरकारी नौकरी में प्रवेश के लिए उम्र की सीमा 40 से बढ़ाकर 42 वर्ष की गई थी। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए पहले से तय 45 की उम्र को बढ़ाकर 47 वर्ष किया गया था। इस फैसले को भी पलटने की तैयारी है।
कर्मचारियों ने बनाई आंदोलन की रणनीति
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने रिटायरमेंट की उम्र 60 से 58 वर्ष करने की स्थिति में भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला किया है। संघ की प्रांतीय बैठक में 2 से 12 दिसंबर तक सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनों में लंबे संघर्ष की रूपरेखा बनेगी। कर्मचारी हरियाणा में पंजाब के समान वेतनमान देने में आनाकानी, शिक्षा ढांचे में परिवर्तन करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं करने, रिक्त पड़े खाली पदांे को भरने की बजाय चल रही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने व ठेकाकरण, आऊटसोर्सिग व निजीकरण की नीतियांे को लागू करने का विरोध कर रहे हैं। संघ के प्रांतीय प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार लंबे संघर्ष के बाद कांग्रेस सरकार में कर्मचारियांे की कई लंबित मांगों का समाधान हुआ था। उनके परिपत्र भी जारी हो चुके हैं। भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों पर काम नहीं कर रही है।
अंतरिम राशि पर नए सिरे से किया जाएगा मंथन
मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार कर्मचारियों को दी जाने वाले 2000 रुपये मासिक की अंतरिम राहत राशि पर भी नए सिरे से फैसला ले सकती है। इस राशि में कटौती कर दिए जाने की संभावना है। राज्य के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों को अंतरिम राशि प्रदान की जाती है।
कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति पर भी विचार
मंत्रिमंडल की बैठक में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए हुड्डा सरकार द्वारा बनाई गई अलग-अलग नीतियों पर भी मंथन होगा। इसके अतिरिक्त हुड्डा सरकार के 23 विभागों द्वारा लिए गए 115 फैसलों की समीक्षा रिपोर्ट पर भी बैठक में चर्चा होनी है। dj
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