** गुजरात मॉडल की तर्ज पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शुरू की परीक्षाओं में पारदर्शिता और रिजल्ट में सुधार लाने की कवायद
भिवानी : गुजरात मॉडल की तर्ज पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भी अपनी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में जुट गया है। परीक्षाओं में पारदर्शिता रिजल्ट में सुधार लाने की मकसद से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इस बार परीक्षाओं में क्लोज सर्किट कैमरे लगाने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं बोर्ड प्रशासन द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया है जो प्रदेश भर में ग्राम पंचायतों को नकल रोकने की इस मुहिम में उनका सहयोग मांगेगी। सूत्रों की माने तो बोर्ड प्रशासन के उच्चाधिकारियों के दल ने गुजरात की शिक्षा प्रणाली का अवलोकन वहां का दौरा करने के उपरांत किया था। इसी से प्रेरित होने के बाद यहां पर इस व्यवस्था को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू करने जा रहा है।
ये क्लोज सर्किट कैमरे टेबलेट से जोड़े जाएंगे। शिक्षा अधिकारी अपने दफ्तर में बैठे ही परीक्षाओं पर निगरानी रख पाएंगे। इस दौरान परीक्षा की पूरी गतिविधियों की रिकार्डिंग भी की जाएगी। अब तक इस तकनीक का प्रयोग इलेक्शन कमीशन विधानसभा लोकसभा चुनाव के दौरान संवेदनशील अतिसंवेदनशील बूथों पर निगरानी में इस्तेमाल करता आया है, लेकिन अब शिक्षा बोर्ड भी इसी तर्ज पर नकल पर नकेल लगाने के मूड में है।
पहले साइंस संकाय में
बारहवीं के बाद कॉलेज में पहुंचने वाले विद्यार्थियों के पास केवल सर्टिफिकेट ही नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर ज्ञान भी हो, इसके लिए बारहवीं कक्षा के साइंस विद्यार्थियों की परीक्षा केंद्रों पर ही क्लोज सर्किट कैमरे लगाए जाएंगे। इसके बाद अगर इस योजना में बोर्ड को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो फिर व्यापक स्तर पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
कैमरे क्षतिग्रस्त करने पर होगी एफआईआर
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि क्लोज सर्किट कैमरे लगाने की योजना शुरूआती दौर में बारहवीं के विज्ञान संकाय की परीक्षा में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके उपरांत दसवीं की परीक्षा में भी इस पर विचार होगा। अगर क्लोज सर्किट कैमरों को परीक्षा केंद्र पर क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया तो इस संबंध में बोर्ड तुरंत एफआईआर दर्ज कराएगा।
शिक्षाविदों की भी लेंगे मदद
नकल रोकने की मुहिम में शिक्षा बोर्ड प्रशासन अब शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक, प्राचार्य, शिक्षा अधिकारियों की भी मदद लेगा। इन अधिकारियों को नकल विरोधी टीम में शामिल कर उन्हें प्रदेशभर के सभी जिलों में ग्राम पंचायतों को जागरूक करने के काम पर लगाया जाएगा।
फ्लाइंग का झंझट खत्म
बोर्ड प्रशासन हर साल परीक्षाओं के दौरान फ्लाइंग ड्यूटी पर ही लाखों खर्च कर डालता है। सीसी कैमरे की निगरानी में परीक्षा कराने का कदम उठाने के बाद कर्मचारियों अधिकारियों की फ्लाइंग में ड्यूटी नहीं लगानी पड़ेगी। बोर्ड को इस झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
सात लाख ने दी परीक्षा
इस बार बारहवीं की प्रथम सेमेस्टर परीक्षा में करीब सात लाख विद्यार्थी प्रविष्ट हुए थे। इनमें से करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी विज्ञान संकाय में अध्ययनरत हैं।
विद्यालय प्रबंधन लगाएगा
प्रदेश भर के विभाग से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में गठित होने वाले परीक्षा केंद्रों पर क्लोज सर्किट कैमरे स्कूल प्रबंधन कमेटी द्वारा लगवाए जाएंगे। जबकि सरकारी स्कूलों में ये कैमरे बोर्ड प्रशासन की ओर से लगाए जाएंगे। इन कैमरों की परीक्षा समाप्त होने के बाद रिकार्डिंग को कंट्रोल रूम में जमा कराना होगा।
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