बहादुरगढ़ : पूर्व सरकार राजकीय स्कूलों में समायोजन की घोषणा को सरकार जाते-जाते बंद डिब्बे में डाल गई थी। अब उस फाइल को फिर से निकलने की मांग तेज हो गई है। इसके लिए एडिड स्कूलों की यूनियन की तरफ से भाजपा सरकार के सभी मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा गया है।
जिससे एडिड स्कूलों का सरकारी स्कूलों में समावेश किया जा सके। प्रदेश में 204 एडिड स्कूल हैं उनमें 2300 के करीब का स्टाफ है जो लंबे समय से सरकार की घोषणाओं के पूरे होने का इंतजार कर रहा है। भाजपा के मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन पर एडिड स्कूलों में कार्य कर रहे शिक्षकों को मौजूदा सरकार से न्याय मिलने की फिर से उम्मीद जगी है। शिक्षकों को प्रदेश सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि शीघ्र ही उनका समायोजन राजकीय स्कूलों में किया जाएगा। शिक्षकों की मौजूदा मनोस्थिति के बारे में हरियाणा प्रांत अध्यापक संघ के कोषाध्यक्ष नरेश आकाश ने बताया कि पिछली सरकार ने गोहाना में घोषणा की थी पर सरकार अपने वादे को भी चुनाव के समय तक भूल गई। इससे लंबे समय से न्याय की गुहार लगा रहे अध्यापकों की आशाओं पर पानी फिर गया था। अब इस सरकार से उम्मीद करते हुए हाल ही में संघ की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल सीएम मनोहर लाल खट्टर एवं प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रियों से मिला था और अपनी समस्याओं से से उन्हें अवगत करवाया था।
जिस पर सरकार की तरफ से उन्हें आश्वस्त किया गया है कि समायोजन की प्रक्रिया को चलाया जाएगा। पत्र लिखकर भी अपनी समस्या प्रदेश सरकार को बताई गई है। नरेश आकाश ने बताया कि उन्होंने मिलकर शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, अनिल विज, अब ओपी धनखड़ को भी ज्ञापन सौंपा है। ओपी धनखड़ ने अध्यापकों को बताया कि हमने भी आठ साल तक भिवानी में एक एडिड स्कूल में नौकरी की है। इसलिए वे सभी तरह की परेशानियों को समझते हैं। नरेश आकाश ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से बजट नहीं होने पर उनका वेतन तक नहीं दिया जा रहा। db
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