चंडीगढ़ : नौकरी पर खतरा मंडराते ही शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों की सुस्त चाल एकाएक चुस्त हो गई है। वर्षो से अलमारी में पड़ी फाइलें फटाफट निपटाई जा रही हैं। कर्मचारियों ने अपने पास लंबित चल रही फाइलों को अधिकारियों की टेबल पर पहुंचा दिया है। इतना ही नहीं, शनिवार और रविवार को भी कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों में काम करेंगे। कर्मचारियों में इतनी फुर्ती काम में दिलचस्पी बढ़ने से नहीं आई, बल्कि ये सब स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता के डंडे का असर है। प्रधान सचिव ने दस दिन पहले विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि 30 नवंबर के बाद एसीपी (एश्योर्ड प्रोग्रेशन स्कीम) और मेडिकल प्रतिपूर्ति का एक भी केस लंबित नहीं रहना चाहिए। जिस भी कर्मचारी या अधिकारी की शाखा के केस लंबित रहेंगे, उन्हें चार्जशीट कर दिया जाएगा। यह फरमान जारी होने की ही देर थी कि कर्मचारियों ने बिना दाएं-बाएं देखे फाइलें निपटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। अब तक कर्मचारी हजारों मामले निपटा चुके हैं और सैकड़ों बाकी हैं, ऐसे में गाज न गिर जाए, इसलिए कर्मचारियों ने अवकाश के दिन भी काम करने का निर्णय लिया है। मौलिक शिक्षा और सेकेंडरी शिक्षा विभाग में कई सालों से कर्मचारियों के एसीपी और मेडिकल बिल के केस धूल फांक रहे थे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने कामकाज संभालने के बाद जैसे ही शिक्षकों से विभाग की कार्यप्रणाली जानी, उनकी आंखों खुली की खुली रह गईं। गुप्ता ने उसी समय तत्कालीन मौलिक और सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक को आदेश जारी कर दिए कि एक भी मामला नवंबर महीने खत्म होने पर बाकी बचा तो खैर नहीं है।
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