सिरसा : विश्वविद्यालय अनुदानआयोग (यूजीसी) शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयासरत है। यूजीसी का मानना है कि अनुबंध, पार्ट टाइम प्राध्यापक केवल लेक्चर तक सीमित रहते हैं इसलिए पार्टटाइम टीचर्स के बजाय रेगुलर की नियुक्त की जाए।
केंद्र प्रदेश सरकार ने नई नियुक्तियों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा रखा है। यूजीसी ने सभी विवि के वाइस चांसलर को नए शिक्षा सत्र से रेगुलर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी के चेयरमैन वेद प्रकाश गुप्ता का मानना है कि ज्यादातर विवि में कांट्रेक्ट, टेंपररी और पार्ट टाइम प्राध्यापक रखे जाते हैं। ऐसे में वे केवल अपने पीरियड तक जिम्मेदार होते हैं। छात्रों को सेल्फ प्रेाफेशनल डेवलपमेंट का लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए रेगुलर प्राध्यापकों की भर्ती कर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है। सीडीएलयू में करीब 55 रेगुलर 116 अनुबंधित प्राध्यापक हैं। मार्च में विवि ने प्राध्यापकों के 50 पदों को भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। मगर लोकसभा चुनाव में हाईकोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
जेबीटी से भी कम वेतन
सीडीएलयू की गेस्ट फैकल्टी एसोसिएशन के प्रधान राम मेहर का कहना है कि अनुबंध पर लगे प्राध्यापक को 21600 रुपए वेतन प्रति माह मिलता है, जबकि उनसे ज्यादा वेतन जेबीटी को मिलता है। db
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