** मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद ने कहा, शिक्षक बौद्धिक कार्य के साथ स्वच्छता में करें मदद, बीईओ के आदेश पर भड़का शिक्षक संघ
पटना : बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को ‘लोटे’ की निगरानी
सौंपने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। औरंगाबाद के देव और मुजफ्फरपुर के
कुढ़नी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी(बीईओ) ने हाल ही में एक आदेश में शिक्षकों
को खुले में शौच की निगरानी का काम सौंपा है। आदेश में कहा गया है कि
शिक्षक अपने शैक्षणिक दायित्वों के अलावा सुबह छह से सात और शाम में पांच
से छह बजे के बीच खुले में शौच को जाने वाले की निगरानी करेंगे और उनकी
फोटो खींचेंगे।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के इस आदेश पर शिक्षा मंत्री
कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने भी अपनी मुहर लगा दी है। मंत्री ने कहा कि
स्वच्छता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चल रहा है। शिक्षकों को
स्वच्छता में भी सरकार का सहयोग करना चाहिए, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई
नहीं बाधित होनी चाहिए। अधिकारी के आदेश और मंत्री की उस पर मुहर के साथ ही
मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिख उनका ध्यान इस ओर
आकृष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि उच्चतर विद्यालयों में इंटर की
परीक्षा चल रही है। इसके बाद मैटिक की जांच परीक्षा शुरू होगी।
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