चंडीगढ़ : यमुनानगर के बिलासपुर स्थित कपालमोचन तीर्थ के मेले में शिक्षकों
की ड्यूटी लगाने पर बवाल हो गया है। कांग्रेस ने मेले में शिक्षकों की
ड्यूटी लगाने पर सवाल खड़े किए, जबकि भाजपा ने यह कहते हुए जवाब दिया कि
2010 में कांग्रेस ने ही यह परंपरा शुरू की थी।
कपालमोचन मेले में 2013
में 130 कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। उसके बाद 2014 में 101 कर्मचारी
लगाए गए। वर्ष 2015 में भी इतने ही कर्मचारी रहे, जबकि वर्ष 2016 में इनकी
संख्या 98 रखी गई। वर्ष 2017 में 100 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
मंदिर परिसर में 11 पुजारी हैं। मेले में हर साल छह से सात लाख श्रद्धालु
आते हैं, जिन्हें प्रसाद वितरण के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की
परंपरा बरसों से चली आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि कर्मचारियों की इस कार्य में
ड्यूटी उचित नहीं है। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के यमुनानगर के प्रधान
गुरमीत सिंह का कहना है कि निस्संदेह ड्यूटी हर साल लगती है पर कर्मचारियों
को सुविधाएं तो मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे लोकल प्रशासन
का मुद्दा बताया, जबकि हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव ने कहा
कि प्रसाद बांटना श्रद्धा से जुड़ा है। 1भाजपा मीडिया विभाग के चेयरमैन
राजीव जैन ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि हुड्डा और भुक्कल को भूलने की आदत
है। उन्हें अपने कार्यकाल में शुरू की गई योजना तक याद नहीं है।
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