हिसार : सरकारी स्कूलों में विभिन्न कारणों से छुट्टी पर रहने वाले गुरुजी
की गैर हाजिरी में विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब नहीं होगी। इसके लिए सरकार
ने री- इंगेंजमेंट योजना चला रखी है। इस योजना के तहत विभिन्न स्कूलों और
कॉलेजों से रिटायर्ड हुए गुरुजी छुट्टी पर चल रहे शिक्षकों की जगह पढ़ाते
हैं। जुलाई में इस योजना को लागू किया गया था, जिसके बेहतर परिणाम देखने को
मिले है। सरकार की वेबसाइट पर दो हजार से ज्यादा रिटायर्ड शिक्षक आवेदन कर
इसका लाभ उठा रहे है। इस योजना के बेहतर परिणाम देखते हुए सरकार ने हाल ही
में 150 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इसके अलावा 22 करोड़ रुपये अब
तक इस योजना के तहत खर्च हो चुके हैं।
शिक्षा विभाग ने एक मात्र शर्त रखी
है कि रिटायर्ड शिक्षक उसी विषय का होना चाहिए। जिस विषय का शिक्षक अवकाश
पर है। प्रेग्नेंसी के दौरान अवकाश पर जाने वाली महिला शिक्षकों की जगह यह
गुरुजी शिक्षा प्रदान में पूरी तरह से सफल रहे हैं। योजना के अंर्तगत किसी
भी क्षेत्र के स्कूल में कोई भी शिक्षक 15 या उससे अधिक छुट्टी पर चल रहा
हो तो रिटायर्ड शिक्षक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट डीएसइएचआरवाइ डॉट इन सलेस
आरइ की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर कक्षा को पढ़ा सकता है।
हालांकि शर्त यह
रखी गई थी कि छुट्टी पर चल रहे शिक्षक व रिटायर्ड गुरुजी एक ही विषय के
होने चाहिए। कुछ दिन पहले ही शिक्षा विभाग ने इस पोर्टल का निरीक्षण किया।
इस संदर्भ में, स्टेट प्रोग्राम कम आफिसर डा. अजय बल्हारा ने बताया कि
री-इंगेंजमेंट में बेहतर परिणाम को देखते हुए सरकार ने प्रदेश को 150 करोड़
रुपये का एलान किया है। कुछ दिन किए सर्वे में दो हजार रिटायर्ड शिक्षक
अभी भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि रिटायर्ड गुरुजी
को यह योजना भा रही है।
यह है आवेदन की प्रक्रिया
सरकार ने नियम बनाया
है कि रिटायर्ड शिक्षक की उम्र 65 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसके अलावा
रिटायर्ड शिक्षक अपनी इच्छा के अनुसार एरिया का चुनाव कर सकेगा। यदि उस
एरिया के किसी स्कूल में उस विषय का शिक्षक छुट्टी पर चल रहे है तो
रिटायर्ड शिक्षक के मोबाइल पर तुरंत मैसेज आ जाएगा। वह मैसेज पर लिखी
तारीख से ही उस स्कूल में ज्वाइनिंग कर सकता है और बच्चों को पढ़ा सकता है।
इन अनुभवी शिक्षकों को सरकार 16 हजार 450 रुपये का वेतन मान देता है। यह
पूरी प्रक्रिया जिला शिक्षा अधिकारी निगरानी में होती है।
20 हजार पद है अभी
भी रिक्त
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अभी तक सरकारी
स्कूलों में बीस हजार पद रिक्त है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होने का यह
सबसे बड़ा कारण है। इस स्थिति से निपटने के लिए यह योजना सफल साबित हो रही
है। रिटायर्ड शिक्षक अनुभवी होते है और वह किसी गांव में पढ़ाने को लेकर
आनाकानी नहीं करते है। उनका मकसद छात्रो को बेहतर शिक्षा देना होता
है।
"योजना के सफल होने पर सरकार ने 150 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। इससे
पूर्व हर जिले के डीईओ को एक करोड़ रुपये जारी किया जा चुका है। प्राथमिक व
हाई स्कूलों का बजट जारी नहीं किया गया है।"-- डा. अजय बल्हारा, स्टेट
प्रोग्राम कम आफिसर, शिक्षा विभाग।
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