नई दिल्ली : वायु प्रदूषण का इंडेक्स अगर एक-दो दिन खतरनाक हो भी जाता है तो
उसे आपातकालीन स्थिति नहीं माना जाएगा। उस स्थिति में न तो स्कूल बंद होंगे
और न ऑड-इवेन ही लागू होगा। आपातकालीन स्थिति के लिए प्रदूषण का इंडेक्स
लगातार खतरनाक श्रेणी में होना चाहिए।
सीपीसीबी
के सदस्य सचिव ए सुधाकर बताते हैं कि अगर वायु प्रदूषण का औसत इंडेक्स
लगातार 48 घंटे तक 400 से ऊपर रहता है और मौसम विभाग अगले कई दिन तक मौसम
की स्थिति नहीं सुधरने की चेतावनी भी देता है, तभी उस स्थिति को आपातकालीन
करार दिया जाएगा। यही नहीं, उस स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी करने
वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों का भी दिल्ली में प्रवेश बंद हो
जाएगा। ऐसे में आपातकालीन प्रावधान के निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके
मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को एनसीआर में
शामिल जिलों में स्कूल भी बंद करने होंगे और ऑड-इवेन भी लागू करना
होगा।
दिल्ली-एनसीआर के सर्वाधिक प्रदूषित तीन हिस्सों आनंद विहार,
गाजियाबाद और भिवाड़ी के लिए अलग से एक्शन प्लान बनाने पर काम तेज कर दिया
गया है। भिवाड़ी के लिए राजस्थान सरकार ने आइआइटी कानपुर की सेवाएं ली हैं।
दिल्ली सरकार को आनंद विहार के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
गाजियाबाद का एक अंतरिम प्रस्ताव सोमवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड ने सीपीसीबी को सौंपा। हफ्ते भर तक पेट कोक, जनरेटर और भवन निर्माण
संबंधी गतिविधियों से वायु प्रदूषण पर रिपोर्ट तैयार कर रणनीति बनाने की
बात कही गई है।
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