केंद्र सरकार ने यह
निर्देश ऐसे समय में दिया है जब देश भर के स्कूलों (सरकारी और निजी दोनों)
की शैक्षणिक दशा सुधारने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। मानव संसाधन
विकास मंत्रलय ने एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन) की सिफारिश पर
यह निर्देश दिया है। आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के प्रावधानों के तहत निजी
स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी टीईटी लागू करने की व्यवस्था है। एनसीटीई के
मुताबिक, देश में सरकारी स्कूलों की संख्या करीब 15.20 लाख और करीब 3.40
लाख निजी स्कूल हैं। सरकारी स्कूलों के बाद निजी स्कूलों में टीईटी
अनिवार्य किया गया है क्योंकि इसके बिना शिक्षा सुधार की दिशा में आगे बढ़
पाना मुश्किल होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के नए निर्देश के तहत
राज्यों को सीबीएसई और राज्य सरकार के अधीनस्थ बोर्डो द्वारा संचालित सभी
स्कूलों में यह व्यवस्था लागू करनी होगी। एनसीटीई ने यह सारी कवायद उस समय
शुरू की है, जब 90 फीसदी से ज्यादा बीएड की शिक्षा देने वाले कॉलेजों के
पास कोई संसाधन नहीं है। एनसीटीई ने पिछले दिनों मंत्रलय के सामने इस
मुद्दे को भी रखा था।
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