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Thursday, 23 November 2017

बेटियों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के आरोही स्कूल में बनेंगे हॉस्टल

** प्रथम चरण में चार और द्वितीय चरण में दो स्कूलों में शुरु किया जाएगा कार्य 
**41 लाख 40 हजार रुपये से चमकेंगे जिले के छह आरोही स्कूलों के हॉस्टल
हिसार : आरोही स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को अब शिक्षा अर्जित करने के लिए बसों और निजी वाहनों में धक्के खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि इस बार शिक्षा विभाग ने दूर-दराज से आने वाली बेटियों के रहने से लेकर खाने-पीने तक के पुख्ता प्रबंध हॉस्टल में करने का फैसला लिया है। इसके लिए विभाग की ओर से प्रत्येक आरोही स्कूल को छह लाख 90 हजार रुपये का बजट जारी करने के निर्देश दिए है, जोकि दो चरणों में स्कूलों को दिए जाएंगे। हालांकि विभाग ने प्रथम चरण में चार ब्लॉकों को 27 लाख 60 हजार रुपये का बजट भी जारी कर दिया है। जिन्हें बेटियों के राहत के लिए हॉस्टलों पर खर्च किए जाएंगे। दूसरे चरण में शेष दो ब्लॉकों को भी बजट जारी कर दिया जाएगा। इस सुविधा से बेटियों को काफी राहत मिलेगी। इस संदर्भ में, जिला प्रोजेक्ट को-ओर्डिनेटर देवेंद्र ने बताया कि छह आरोही स्कूलों को यह उपहार दिया जा रहा है। इस सुविधा से बेटियों को रोजाना सफर नहीं करना पड़ेगा। 
प्रथम चरण में चार आरोही स्कूलों को दिया गया है बजट : 
शिक्षा विभाग ने पहले चरण में भिवानी-रोहिल्ला, गैबीपुर, खेड़ी-लोचब और मुगलपुरा के आरोही स्कूलों को बजट जारी कर दिया है। जोकि 27 लाख 60 हजार रुपये है। ताकि हॉस्टल के कार्य को गति प्रदान की जा सकें। इसी प्रकार, शेष ब्लॉक अग्रोहा और घिराय के आरोही स्कूलों को भी बजट जारी कर दिया जाएगा। विभाग ने सभी छह आरोही स्कूल के लिए 41 लाख 40 हजार रुपये का बजट करने के निर्देश दिए है, जिनमें प्रथम चरण को पूरा कर दिया गया है। 
एक हॉस्टल में ठहर सकेंगी 100 बेटियां : 
शिक्षा विभाग ने आरोही स्कूल में बने हॉस्टलों के नियम जारी कर दिए है। नियमानुसार, एक आरोही स्कूल में सौ बेटियों को ठहरने की इजाजत है, जिस कारण दूर-दराज से आने वाली बेटियों को अब बसों और निजी वाहनों में धक्के खाकर स्कूलों में नहीं पहुंचना पड़ेगा। साथ ही न तो उनकी पढ़ाई का नुकसान होगा और न ही किराया के कारण उनकी जेबों पर कोई बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, बेटियों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधन के हाथों में रहेगी। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिन बेटियों के घरों में दो से तीन घंटे ही बिजली रहती है उन्हें हॉस्टल में रहने से इन समस्याओं से जूझना नहीं पड़ेगा।
"आरोही स्कूलों के लिए 41 लाख 40 हजार रुपये का बजट जारी किया जा रहा है। प्रत्येक स्कूल को छह लाख 90 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। बेटियों को हॉस्टलों से काफी राहत मिलेगी।"-- देवेंद्र, जिला प्रोजेक्ट को-ओर्डिनेटर, शिक्षा विभाग।

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