** कर्मचारी महासंघ आज देंगे सामूहिक गिरफ्तारियां
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ पूर्व में हुए दो समझौते अभी तक
लागू नहीं किए जाने पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की
है। पहला समझौता मार्च और दूसरा अगस्त में हुआ था। मुख्यमंत्री के प्रधान
सचिव राजेश खुल्लर ने कर्मचारियों को एक माह के भीतर अधिकतर समस्याओं के
समाधान का भरोसा दिलाया है। इस अवधि के बाद सर्व कर्मचारी संघ राज्य स्तरीय
बैठक बुलाकर आंदोलन का एलान कर देगा।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ
सोमवार को करीब डेढ़ घंटे चली समीक्षा बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा
ने अधिकारियों के रवैये पर गुस्सा जताया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मवीर
फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा के नेतृत्व वाले दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने
स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा ठीक है, लेकिन अधिकारी समझौते पर अमल
के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहते। प्रतिनिधिमंडल ने 29 मार्च और 11 अगस्त को
हुए समझौतों के हर पहलू से खुल्लर को अवगत कराया और कहा कि अब गेंद सरकार
के पाले में है। कच्चे कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग पर खुल्लर
ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद ही नियमितीकरण पॉलिसी की तरफ
सरकार आगे बढ़ पाएगी। तब तक कोर्ट में मजबूत पैरवी होगी। खुल्लर ने
कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा का परिपत्र अगले एक पखवाड़े में जारी
कराने का भरोसा दिलाया। पुलिस कर्मियों की तर्ज पर सभी विभागों में जोखिम
भरा काम करने वाले कर्मचारियों को भी पांच हजार रुपये भत्ता देने की मांग
पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। धर्मवीर फौगाट व सुभाष लांबा के अनुसार आइएएस
पीके दास के नेतृत्व वाली कमेटी को ऐसे विभाग व कर्मचारियों की श्रेणी
चिह्न्ति कर अपनी रिपोर्ट देनी थी, मगर कमेटी का कुछ पता नहीं है। सीएम के
प्रधान सचिव ने कमेटी को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश देने की बात कही।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को 11 दिन की हड़ताल अवधि का
वेतन जल्द जारी कराने, वेतन में बढ़ोतरी, नए सर्विस नियम तैयार करने और ऐसे
सभी कर्मचारियों को समायोजित करने संबंधी मांगों को भी पूरा करने का भरोसा
खुल्लर ने दिलाया। उन्होंने एनएचएम के एमडी को फोन पर इस बारे में आवश्यक
निर्देश भी दिए।
कर्मचारी महासंघ आज देंगे सामूहिक गिरफ्तारियां
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करने के विरोध में
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के सदस्य आज मंगलवार को सड़कों पर उतरकर सामूहिक
गिरफ्तारियां देंगे। वहीं, सरकार ने कर्मचारियों से जनहित को देखते हुए
हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है। 1श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह
सैनी ने कहा कि महासंघ प्रतिनिधियों की 18 सितंबर को सरकार के साथ बैठक में
चार मुख्य मांगों पर सहमति बनी थी। हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 की
रेगुलरलाइजेशन की पॉलिसी पर रोक लगा रखी है, लेकिन महासंघ की मांग के
अनुरूप वर्ष 2011 की पॉलिसी के तहत पात्र कर्मियों को रेगुलर करने के लिए
अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहला ऐसा राज्य है जिसने
समान काम के लिए समान वेतन देने के लिए निर्देश जारी किए हैं। वहीं,
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कंवर सिंह यादव और महासचिव
वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में कुल 12 मांगों पर
सहमति बनी थी। अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो महासंघ 10 नवंबर को केंद्रीय
ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर जंतर-मंतर पर धरने में शामिल होंगे।
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