यमुनानगर : खंड रादौर का बरेहडी गांव मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। करीब की
आबादी वाले इस गांव में मिडल स्कूल अवश्य है, लेकिन भवन आज तक नहीं मिला।
हालात ये हैं कि चार कमरों में आठ कक्षाएं चल रही हैं।
मतलब एक कमरे में
दो कक्षाओं के बच्चे बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दूसरा, गांव में न कोई
स्वास्थ्य केंद्र है और न ही बारातघर या कम्युनिटी सेंटर। चुनाव के दौरान
विकास के दावे बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद किसी भी
राजनीतिक दल ने इस गांव की सुध नहीं ली।
2012-13 में किया गया था स्कूल को
अपग्रेड
गांव के प्राइमरी स्कूल को मिडल का दर्जा वर्ष-2012-13 में मिला। दर्जा अवश्य बढ़ गया, लेकिन भवन आज तक नहीं मिला। स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए न ग्राउंड है और न ही कमरों की संख्या पर्याप्त है। मिडल स्कूल कुल 4 कमरों में चल रहा है। एक कमरे में दो-दो कक्षाएं बैठने को मजबूर हैं। बारिश व ठंड के दिनों में हालात देखने लायक होते हैं। मिडल स्कूल का भवन बनाने के लिए आज तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद आज तक इस इस समस्या का हल नहीं हो पाया।
गांव के प्राइमरी स्कूल को मिडल का दर्जा वर्ष-2012-13 में मिला। दर्जा अवश्य बढ़ गया, लेकिन भवन आज तक नहीं मिला। स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए न ग्राउंड है और न ही कमरों की संख्या पर्याप्त है। मिडल स्कूल कुल 4 कमरों में चल रहा है। एक कमरे में दो-दो कक्षाएं बैठने को मजबूर हैं। बारिश व ठंड के दिनों में हालात देखने लायक होते हैं। मिडल स्कूल का भवन बनाने के लिए आज तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद आज तक इस इस समस्या का हल नहीं हो पाया।
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