.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday, 8 September 2013

डीएड : 3000 सीटों के लिए शुरू हुई चौथी काउंसलिंग


गुडग़ांव : डिप्लोमा इन एजुकेशन की रिक्त तीन हजार सीटों के लिए शनिवार से चौथी काउंसलिंग शुरू हो गई। चौथी काउंसलिंग में मैरिट के आधार पर स्टूडेंट्स ने भाग लिया। काउंसलिंग में केवल वही स्टूडेंट्स भाग ले सके, जिन्होंने 22 जुलाई तक फॉर्म ऑनलाइन कर अपना आईडी व पासवर्ड बना लिया था। हालांकि चौथी काउंसलिंग के पहले दिन दोबारा अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम दिखी। 

उधर स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के डीएड संयोजक अशोक यादव ने बताया कि चौथी काउंसलिंग केवल उन्हीं स्टूडेंट्स के लिए है, जिन्होंने 22 जुलाई तक अप्लाई किया था। जिन स्टूडेंट्स ने 22 जुलाई तक अप्लाई कर दिया था, लेकिन किन्ही कारणों से जिन्हें कॉलेज अलॉट नहीं हुआ है, वही स्टूडेंट्स चौथी काउंसलिंग का हिस्सा बन सकते हैं। चौथी काउंसलिंग में रिक्त सीटें भरने की उम्मीद है। काउंसलिंग प्रक्रिया खत्म होने के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। उच्च अधिकारियों से मिलने वाले निर्देशों के तहत ही आगे कार्रवाई की जाएगी। 
सरकारी कॉलेजों में मात्र 10 प्रतिशत सीटें 
प्रदेश भर में डीएड के 343 निजी और 21 सरकारी कॉलेज डीएड के हैं। लेकिन इस समय रिक्त पड़ी 3 हजार सीटों में से मात्र 10 प्रतिशत सीटें ही सरकारी डाइट्स में खाली हैं। अन्य सीटें निजी कॉलेजों में खाली हैं। इनमें भी अधिकतर सीटें महेंद्रगढ़, यमुनानगर के निजी कॉलेजों में खाली हैं। इन सभी निजी कॉलेजों को स्टूडेंट्स ने 18,400 रुपए फीस सालाना लेने की हिदायत दी है। स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई निजी कॉलेज स्टूडेंट से निर्धारित से अधिक फीस की मांग करता है, तो स्टूडेंट्स सीधे इसकी शिकायत एससीईआरटी में दें। जांच के बाद यदि कॉलेज की ओर से लापरवाही पाई गई, तो मान्यता रद्द की जा सकती है। 
ऑनलाइन काउंसलिंग का कोई लाभ नहीं 
स्टूडेंट्स ऑनलाइन प्रक्रिया सही नहीं मान रहे हैं। दाखिले से वंचित रहे रमेश ने बताया कि उसने अपनी तरफ से ठीक अप्लाई किया था, लेकिन किन कारणों से उसका फॉर्म रद्द हो गया। ऑनलाइन काउंसलिंग में पारदर्शिता खत्म हो जाती है। उधर नेहा, चारू और उमा कहती हैं कि ऑनलाइन प्रक्रिया बिल्कुल सही नहीं है। पसंदीदा कॉलेज में दाखिला नहीं मिलता और कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स को अच्छे कॉलेजों में दाखिला मिल जाता है।  .....db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.