पानीपत : यूनिक आईडी (आधार कार्ड) न होने के कारण सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले एक से बाहरवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को इस सत्र में अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। एक तिमाही बीत चुकी, मगर अभी तक आधे से ज्यादा छात्रों के बैंक अकाउंट ही नहीं खुल सके हैं। तमाम दावों के बावजूद यूनिक आईडी बनाने की गति इतनी धीमी है कि आने वाली तिमाही में सभी छात्रों के अकाउंट खुलने की उम्मीद नहीं है।
अभी तक यह छात्रवृत्ति खंड शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रिंसिपल के संयुक्त खाते में भेजी जाती थी। इसके बाद ही प्रिंसिपल छात्रों को बियरर चेक के जरिए छात्रवृत्ति बांटा करते थे, मगर इसी सत्र से लागू नई योजना में छात्रवृत्ति की रकम सीधे छात्रों के अकांउट में भेजी जानी है। छात्रों के बैंक खाते खोलने के लिए आधार कार्ड बनाने हैं। कार्ड नहीं बनने से छात्रवृत्ति का पेंच फंस गया है। छात्रवृत्ति नहीं मिलने का असर सीधे छात्रों पर पड़ रहा है।
50 प्रतिशत का अभी नहीं बना आधार कार्ड
स्कूलों में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया को शुरू हुए 5 माह हो गए, लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत विद्यार्थियों का भी आधार कार्ड नहीं बन पाया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में और भी बुरा हाल है। मतलौडा, बापौली, इसराना ब्लाक के कई स्कूलों में अभी तक आधार कार्ड बनाना शुरू ही नहीं किया गया।
ये सच- मशीन ही नहीं तो कैसे बने कार्ड
आधार कार्ड बनाने वाली कंपनियों के पास इतनी मशीनें नहीं कि वे सभी स्कूलों में कैंप लगाकर आधार कार्ड बना सकें। चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग की हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सरोजबाल गुर का कहना है कि मशीनों की इस कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को बता दिया है।
स्टूडेंट्स को 75 से 400 रुपए तक मिलती है राशि
मासिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा पांचवीं तक के छात्रों को 75 रुपए, आठवीं तक के छात्रों को 250 रुपए और बाहरवीं तक के छात्रों को 400 रुपए मासिक दिया जाता है। लेकिन इस बार छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कॉपी-किताबें देर से खरीदीं
हर साल दो तीन महीनों में पैसे आ जाते थे। इस बार नहीं आए इसलिए कॉपी-किताबें भी देर से लीं। इस वजह से पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। टाइम पर मिलनी चाहिए थी छात्रवृत्ति।'--कोमल, छात्रा, ११वीं कक्षा, राजकीय गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल (मॉडल टाउन)
सभी को इंतजार रहता है
सभी को छात्रवृत्ति का इंतजार रहता है। हमारी पढ़ाई के लिए बहुत जरूरी है। आईडी अभी बना ही नहीं। बता रहे हैं कि जब तक आईडी नहीं बनती, तब तक अकाउंट भी नहीं खुलेगा।' --कामना, छात्र, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कवि
70 प्रतिशत कंपलीट
"स्कूल में 70 प्रतिशत विद्यार्थियों का आधार कार्ड बन गया है। अभी तक छात्रवृति नहीं आई है, सभी विद्यार्थियों की छात्रवृति एसएमसी खाते में आते ही दे दी जाएगी।"--नफे सिंह, प्रिंसिपल, राजकीय गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल टाउन
लग सकता है और कुछ समय : प्रतिमा
"प्रतिदिन विद्यार्थियों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है। विभाग के अनुसार इस बार विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति आना था। अगर विभाग एसएमसी खाते में छात्रवृति भेजता है तो मिलते ही दे दी जाएगी।"--प्रतिमा शर्मा, प्रिंसिपल, मॉडल संस्कृति स्कूल
आगे क्या: पुरानी व्यवस्था से छात्रवृत्ति बांटने की तैयारी
अगले तीन-चार महीनों तक यूनीक आईडी बनाने का काम पूरा होने उम्मीद न होने की वजह से शिक्षा विभाग पुराने तरीके से ही छात्रवृत्ति बांटने की तैयारी कर रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी शील बल्ारा का कहना है कि जल्द ही रुकी ही छात्रवृत्ति की रकम को ट्रेजरी में पास करवाकर प्रिंसिपल और खंड शिक्षा अधिकारियों के साझे अकाउंट में डलवा दी जाएगी। ज्वाइंट खाते में छात्रवृत्ति भेज कर बंटवा दी जाएगी। ...db
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