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Thursday, 18 September 2014

फर्जीवाड़ा कर बनीं आरोही स्कूल "प्रसिपल"

** आरटीआइ व शिक्षा अधिकारियों की जांच में पुख्ता हुई गड़बड़ी
** कार्रवाई की तैयारी में शिक्षा विभाग 2013 में हुई थी नियुक्तियां
चंडीगढ़ : आरोही स्कूल प्रिंसिपल की नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर हुईं थीं। सेकेंडरी शिक्षा विभाग की जांच व आरटीआइ से मिली जानकारी में यह बात पुख्ता हो गई है। करनाल, जींद व कुरुक्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपनी जांच में सिरसा, जींद व फतेहाबाद में लगी प्रिंसिपल की नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं।
तीनों प्रिंसिपल की नियुक्तियों में न केवल नियमों को दरकिनार किया गया है बल्कि अनुभव प्रमाणपत्र की सत्यता भी नहीं परखी गई। जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे को भेज दी है। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद महानिदेशक अब कार्रवाई की तैयारी में हैं। जून 2013 में हुई प्रिंसिपल की नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा होने की सूचना मिलने पर जींद निवासी जगदीश ने शिक्षा विभाग में आरटीआइ डाली थी। पहले तो विभाग ने रिकार्ड देने से मना किया, लेकिन राज्य सूचना आयोग में मामला पहुंचने पर विभाग को रिकार्ड उपलब्ध कराना पड़ा। 
शिक्षा विभाग द्वारा दी गई सूचना के अनुसार आरोही स्कूल सिरसा में तैनात प्रिंसिपल ने आवेदन करने की अंतिम तारीख 20 फरवरी 2013 के बाद सेंचुरी पब्लिक स्कूल घरौंडा का अनुभव प्रमाणपत्र जमा कराया है। इसके साथ ही आवेदन व साक्षात्कार में दिखाए गए अनुभव प्रमाणपत्र भी अलग-अलग हैं। जींद जिले के हसनपुर आरोही स्कूल में कार्यरत प्रिंसिपल की नियुक्ति भी गलत अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर हुई है। सरकार ने विज्ञापन में दो वर्ष वाइस प्रिंसिपल प्रशासन का अनुभव मांगा था, जबकि आवेदन के साथ वाइस प्रिंसिपल एकेडमिक का अनुभव प्रमाणपत्र संलग्न है। 
फतेहाबाद आरोही स्कूल में नियुक्त प्रिंसिपल फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर शिक्षा निदेशालय में सहायक निदेशक के पद पर तैनात हैं, लेकिन उनके दस्तावेज भी नियुक्ति नियमों पर खरा नहीं उतरते हैं। उन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र बीएड कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल का दिया हुआ है। जबकि सरकार द्वारा जारी विज्ञापन में स्कूल के वाइस प्रिंसिपल का अनुभव मांगा गया था। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कैथल और शिक्षा निदेशालय में दिए गए अनुभव प्रमाण पत्र भी अलग-अलग हैं।
जांच रिपोर्ट ने खोली पोल 
जिला शिक्षा अधिकारी करनाल ने सिरसा की प्रिंसिपल के बारे में रिपोर्ट दी है कि निरीक्षण के दौरान सेंचुरी स्कूल घरौंडा न तो वाइस प्रिंसिपल का पद भरने का विज्ञापन दिखा पाया न ही नियुक्ति आदेश। उपस्थिति व वेतन रजिस्टर भी नहीं मिला। सर्विस बुक दिखाई गई, लेकिन उसमें डेट ऑफ ज्वाइनिंग अलग मिली। जिला शिक्षा अधिकारी जींद ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि हसनपुर आरोही स्कूल की प्रिंसिपल का मोती लाल पब्लिक स्कूल में कोई अनुभव रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। सिर्फ आर्डर बुक में नियुक्ति आदेश निकाल रखा है। जिला शिक्षा अधिकारी कुरुक्षेत्र ने फतेहाबाद की आरोही स्कूल प्रिंसिपल के अनुभव प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट में कहा है कि सेठ बनारसी दास कॉलेज ऑफ एजुकेशन के रिकार्ड में अनुभव का पूरा उल्लेख नहीं है। उपस्थिति रजिस्टर में एकस्ट्रा आर्डीनेरी लीव-बिना वेतन दिखाई गई है, जबकि उसी अवधि में आवेदक ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन ज्वाइन कर लिया था। अनुभव प्रमाणपत्र पूरी अवधि का सेठ बनारसी दास कॉलेज ऑफ एजुकेशन का है।                                      dj 




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