करनाल : अतिथि अध्यापकों का आंदोलन लगातार चला। मांग रही कि उन्हें नियमित किया जाए, लेकिन सरकार ने उनकी एक न सुनी। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद इन शिक्षकों के तेवर भी कड़े हो गए हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों से भी जवाब मांग लिया है। उन्हें नियमित करने की शर्त पूरी करने राजनीतिक दल के घोषणापत्र को समर्थन किया जाएगा।
जाट धर्मशाला में हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ की प्रदेशस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि घोषणापत्र में अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का ऐलान करने वाली पार्टी का समर्थन किया जाएगा। सह संयोजक कुलदीप सरौली, दलबीर दहिया ने कहा लगातार नौ साल से से अतिथि अध्यापक अपनी रोजी रोटी को लेकर चिंता में है। कांग्रेस सरकार ने गुमराह किया और अधिकारियों की कठपुतली बनकर रह गई।
उन अधिकारियों की बदौलत 15 हजार परिवारों में रोष व्याप्त है। इसका खजियाजा विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा। यदि समय रहते घोषणा पत्र में शामिल कर जो भी पार्टी नियमित करने की घोषणा सरकार बनते ही करती है तो उसी पार्टी का स्वागत किया जाएगा। शिक्षक नेता शशी भूषण व सुभाष राविश ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव से अतिथि अध्यापकों की भर्ती हुई है इसलिए विधानसभा चुनाव में अतिथि अध्यापक बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। dj
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