** सरकार ने 9870 पदों की चयन सूची 15 अगस्त को जारी की थी
** ब्लाक स्तरीय प्रधान एकत्रित करेंगे चयनित अध्यापकों के शपथ पत्र
प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पिछले डेढ़ वर्षों से चली रही जेबीटी के 9870 पदों की चयन सूची प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को जारी की थी, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी ज्वाइनिंग की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। दूसरी तरफ आदर्श आचार संहिता लग गई। अपनी ज्वाइनिंग को खटाई में पड़ता देख हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के नेतृत्व में चयनित अध्यापकों ने योजना बनाई है कि हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर ज्वाइनिंग की मांग की जाएगी। ताकि हजारों की संख्या में प्रदेश के बच्चों को प्राइमरी अध्यापक मिल सकें चयनित अध्यापकों को ज्वानिंग मिल सके।
ब्लाक स्तर पर सौंपी जिम्मेदारी :
अध्यापक पात्र संघ चेयरमैन के नेतृत्व में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि सभी ब्लाक स्तरीय प्रधान अपने-अपने क्षेत्र के चयनित अध्यापकों से शपथ पत्र एकत्रित करेंगे। इन्हें जिला स्तर पर एकत्रित करके चंडीगढ़ भेजा जाएगा, ताकि रिकार्ड बनाकर सामूहिक रूप से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखकर ज्वाइनिंग की मांग की जा सके।
केस संख्या-1
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि पूरी भर्ती खटाई में पड़े इसलिए दस्तावेजों एचटेट के दौरान हुए अंगूठा मिलान की जांच भर्ती से पहले कराई जानी चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि ज्वाइनिंग से पहले जांच कराई जानी चाहिए। इस केस के बारे में दलील रखी जाएगी कि अगर सरकार ने ढील बरती तो दो से चार वर्ष बाद भी अंगूठा मिलान की जांच नहीं हो सकेगी। एक केस में अभी तक जांच का मामला अधर में लटका हुआ है।
केस संख्या-2
उन पात्र भावी अध्यापकों से संबंधित है, जिन्होंने भर्ती विज्ञापन की तिथि से बाद में एचटेट की परीक्षा पास की थी, इस मामले में हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर की सुनवाई रखी है। प्रदेश सरकार ने भर्ती रिजल्ट में स्पष्ट किया है कि अगर फैसला याचिकाकर्ताओं के पक्ष में हुआ तो उनकी मेरिट लिस्ट भी बनाई हुई है, वह लागू हो जाएगी। इससे भी सभी चयनित अध्यापक सहमत है। इसलिए दलील में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा ही ज्वाइनिंग कराई जानी चाहिए।
हाईकोर्ट में ये 10 दलीलों का देंगे शपथ पत्र
1. जबतक अंगूठा मिलान जांच नहीं होता उस समय तक बगैर-पे ज्वाइनिंग कराई जाए।
2.एचटेटपरीक्षाओं के दौरान हुई वीडियोग्राफी की फुटेज से पात्रों की प्रारंभिक जांच करा ज्वाइनिंग कराई जाए।
3.वर्ष2009-10 में हुई जेबीटी भर्ती कोर्ट में विचाराधीन है, न्यायालय ने ड्यूटी दे रहे हजारों अध्यापकों के अंगूठा जांच के आदेश दिए हुए हैं, लेकिन अंगूठा जांच की प्रक्रिया कछुआ चाल से चल रही है। ऐसे में नव चयनित अध्यापकों को भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है। इसलिए ज्वानिंग के बाद अंगूठा जांच की प्रक्रिया चालू कराई जाए।
4.जबतक माननीय न्यायालय प्रदेश सरकार संतुष्ट नहीं हो जाती उस समय तक अस्थाई तौर पर नियुक्ति दी जाए, बाद में नियमित होने के बाद ही एरियर दिया जाए।
5.अगरबाद में दस्तावेज फर्जी मिले तो उन्हें भारतीय दंड संहिता के तहत उन्हें सजा दी जाए।
6.प्रदेशके सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का क्या कसूर है? कि उन्हें पढ़ाने के लिए अध्यापक नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार के पास क्वालीफाई 9870 अध्यापक हैं, उन्हें स्कूलों में भेजा जाए।
7.योग्यताओंके साथ-साथ रोजगार होते हुए भी हजारों अध्यापक बेरोजगारी की जिंदगी जी रहे हैं। डेढ़ वर्ष रिजल्ट का इंतजार करना पड़ा। जो न्यायसंगत नहीं है, न्यायालय से मांग की जाएगी कि चयनित अध्यापकों को तत्काल ज्वानिंग दिलाई जाए।
8.सर्वोच्चन्यायालय के अध्यापक भर्ती नियमों के एक फैसले की कॉपी का भी शपथ पत्र में हवाला दिया जाएगा, जिसमें कहा गया है कि नियमित समय में भर्ती पूरी होनी चाहिए ताकि शिक्षा प्रभावित हो।
9.इसभर्ती पर दो केस हैं, दोनों मामलों में न्यायालय के निर्देशों एवं कार्रवाइयों का सम्मान होते हुए अध्यापकों को ज्वाइनिंग दिलाई जाए।
10.ज्वाइनिंगी एवज में उच्च न्यायालय की हर शर्त को माना जाएगा। इन सभी दलीलों के साथ हाईकोर्ट में चयनित जेबीटी अध्यापक हाईकोर्ट में सामूहिक रूप से हल्फनामा प्रस्तुत कर अपनी ज्वाइनिंग प्रक्रिया की मांग करेंगे।
" चयनित अध्यापक कई दलीलों के साथ माननीय उच्च न्यायालय में ज्वाइनिंग को लेकर अपना पक्ष रखेंगे। पूरे प्रदेश के चयनित अध्यापक शपथ पत्र बनवाने में जुटे हुए हैं। व्यवस्था एवं रिकार्ड के साथ जल्द ही हाईकोर्ट में प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई एवं चयनित अध्यापकों के भविष्य को लेकर याचिका दायर की जाएगी। जिसमें ज्वाइनिंग की मांग रखी जाएगी।'' -- प्रेम अहलावत, प्रवक्ता,पात्र अध्यापक संघ, हरियाणा। djpnpt
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