कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले में विभाग ने कंपनियों के पर तो कतर दिए हैं, लेकिन उनको टर्मिनेट अभी नहीं किया जा सकेगा। तमाम धांधलियों के सामने आने के बावजूद भी शिक्षा विभाग इन कंपनियों को अनुबंध से बाहर करने में खुद को लाचार महसूस कर रहा है। विभाग ने इधर कंपनियों को टर्मिनेट करने की तैयारी की ही थी कि कंपनियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
कंपनियों ने टर्मिनेशन पर स्टे क्या लिया विभाग ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती मामले में शिक्षा विभाग और कंपनियों के बीच जो खेल चल रहा है, उसमें कंप्यूटर शिक्षक एक बार फिर से फुटबाल बन गए हैं। वहीं, दूसरी ओर विभाग ने अपने जारी इस पत्र में कहा है कि चूंकि कंपनियां कोर्ट में चली गई है और टर्मिनेशन के खिलाफ उन्होंने स्टे ले लिया है।
इसलिए अब वे कंपनियों की सेवाएं समाप्त करने में समर्थ नहीं हैं और कोर्ट के निर्णय के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी। विभाग का कहना है कि कंपनियों की सेवाएं फिलहाल जारी ही रहेंगी और वे नए शिक्षकों की नियुक्ति भी कर पाएंगी। सीधे तौर पर कहा जाए तो हाल ही में जारी किए गए नए पत्र में विभाग अपने आपको धांधली करने वाली कंपनियों के सामने लाचार दिखाने का प्रयास कर रहा है।
अब डीईओ आॅफिस में ही जमा होंगी हाजिरी
कंपनियोंको हटाने में लाचार दिख रहे विभाग ने इन पर लगाम कसने में जरूर थोड़ी बहुत कार्रवाई की है। निदेशक ने साफ तौर पर आदेश जारी किया है कि अब इन कंपनियों के पास कंप्यूटर शिक्षकों की मासिक रिपोर्ट जमा नहीं होगी। कंप्यूटर शिक्षकों की मासिक हाजिरी अब डीईओ कार्यालय में ही जमा होगी। इसके अलावा कंपनियों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे महिला शिक्षकों को छह माह तक की मेटरनिटी लीव दें। इससे पूर्व शिक्षकों की सैलरी प्राचार्य के खाते में डालने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। db
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