चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार द्वारा तदर्थ, अनुबंध अस्थायी तौर पर लगे ग्रुप बी, सी डी के कर्मचारियों को नियमित करने की पाॅलिसी पर फिलहाल रोक लगाने से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। जस्टिस एसके मित्तल जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने मामले पर विस्तृत जवाब तलब करते हुए 14 नवंबर के लिए मामले पर सुनवाई तय की है। सोनीपत निवासी योगेश अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए मांग की थी कि इस पाॅलिसी को रद्द किया जाए।
सरकार ने 16 जून 7 जुलाई को कर्मचारियों को नियमित करने की जो पालिसी जारी की है वह पूरी तरह से गैर कानूनी है। याचिका में कहा गया कि केवल राजनीतिक कारणों आगामी विधान सभा चुनाव में लाभ लेने के लिए पालिसी बनाई गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जज की पीठ ने कर्नाटक बनाम उमा देवी केस में अपने एक फैसले में सभी राज्यों को 2007 में निर्देश दिया था कि बैक डोर से लगे तदर्थ,अनुबंध अस्थायी तौर के कर्मचारियों की सेवा नियमित नहीं की जा सकती। इसी तरह एक अन्य मामले में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सरकार अस्थाई तौर पर बिना किसी प्रोसेस के नियुक्त किए गए कर्मचारियों की सेवा नियमित नहीं कर सकती। ऐसे तो सरकार बैक डोर इंट्री से नियुक्ति कर बाद में उन की सेवा नियमित कर देगी। ऐसे में योग्य उम्मीदवार नौकरी से वंचित रह जाएंगे। db
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