** शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एनसीईआरटी ने की महत्वपूर्ण पहल
नई दिल्ली : देशभर के स्कूलों में शिक्षकों द्वारा कैसी पढ़ाई कराई जा रही है, छात्रों को समझाने में शिक्षक सक्षम है और क्या उसके व्यवहार और ज्ञान से छात्र उनके अभिभावक संतुष्ट हैं, इसका मूल्यांकन अब उस संस्थान विशेष के प्रिंसिपल और छात्र करेंगे। शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) ने यह योजना तैयार की है। इसे पिनडिक्स (परफॉरमेंस इंडिकेटर) नाम दिया गया है। योजना के तहत यह भी आकलन किया जाएगा कि शिक्षकों का विषयवार परीक्षा परिणाम किस तरह का है। यही नहीं, इसकी रिपोर्ट प्रिंसिपल या नोडल ऑफिसर को राज्य स्तर के अधिकारी को भेजनी होगी। बाद में इस फीडबैक से भरे जाने वाले डेटा के आधार पर शिक्षक का पिनडिक्स पूरा होगा। हालांकि अपनी परफॉरमेंस के बारे में शिक्षक को अपना मूल्यांकन पेश करने का भी अधिकार होगा। ऐसा इसलिए ताकि संबंधित मामले में तमाम पहलुओं पर गंभीरता से गौर किया जा सके।
एनसीईआरटी पिनडिक्स की सात सदस्यीय कोर कमेटी की चेयरपर्सन एनसीईआरटी निदेशक प्रो. परविन सिंक्लेयर हैं। वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि स्कूलों के लिए तैयार नीतियों को अध्यापक क्रियान्वित करते हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अध्यापक की शिक्षा का स्तर भी परखना जरूरी है। इस लिहाज से पिनडिक्स योजना नेशनल करिकुल्म फ्रेमवर्क 2005 और शिक्षा के अधिकार कानून-2009 की धारणा को ज्यादा मजबूत करने के लिए है।
पिनडिक्स की प्रमोशन में होगी अहम भूमिका
शिक्षक की पदोन्नति में पिनडिक्स महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। शिक्षक को खुद का साल में दो बार मूल्यांकन करना होगा। इस खाके को वह अपने कक्षा प्रदर्शन के आधार पर भरेगा। इसी सीट के साथ प्रिंसिपल और छात्र अपनी फीडबैक से शिक्षक के परफॉरमेंस को फाइनल करेंगे। इसका फायदा यह होगा कि शिक्षकों की परफॉरमेंस को लेकर बैठकों में समय बर्बादी नहीं होगी और। तय मानक से भी अच्छा परफोरमेंस शिक्षक दे सकेंगे।
इन बिंदुओं पर तय होगा परफॉरमेंस:
योजना में एनसीईआरटी स्टडी यानी इनसेट (इन सर्विस एजुकेशन फोर टीचर्स) को प्रभावी रूप से कक्षाओं में पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षक के परफॉरमेंस के आकलन के लिए यह बिंदु तय किए गए हैं....
- शिक्षक द्वारा छात्रों को सिखाने के लिए किस तरह का डिजाइन व्यवहार में तैयार कर लाया गया।
- विषय का ज्ञान और उसकी समझ शिक्षक में कितनी बेहतर है, क्या उसे वह उस स्तर तक छात्रों को दे पाया? जितना उन्हें मिलना चाहिए।
- छात्र और शिक्षक के बीच का रिश्ता कैसा है? प्रोफेशनल विकास कितना हुआ?
- स्कूल के विकास में शिक्षक की क्या भूमिका है और शिक्षक की कक्षा स्कूल उपस्थिति कैसी रही? db 180914
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