** निदेशक शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी मौलिक जिला शिक्षा अधिकारियों को किया इस आशय का पत्र जारी, स्पैट के चयनित खिलाड़ियों की भी करवानी है तैयारी
ब्लाकस्तरीय एवं फिर जिला स्तरीय स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभागिता के नाम पर शिक्षा विभाग के फ्लाप शो के बाद अब विभाग फिर से अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में लगा है।
विभाग ने फैसला किया है कि अब हर स्कूल को दो खेलों की टीम अवश्य तैयार करनी होगी तथा खेलों में प्रतिभागिता भी। इसके साथ ही स्पैट के लिए चयनित खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना होगा। निदेशक शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी मौलिक जिला शिक्षा अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया है।
इसलिए लिया यह फैसला :
पिछले एक दशक से स्कूलों में धरातल पर खेल गतिविधियों पर ग्रहण सा लगा हुआ है। अधिकतर स्कूलों में तो खेल टीमें ही नहीं हैं। डीपीई पीटीआई सिर्फ सुबह की प्रार्थना सभा तक ही सीमित हो गए हैं। खेल गतिविधियों के नाम पर कथित तौर पर आनन-फानन में बच्चों की टीम बनाकर खंड जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में उतार दी जाती हैं। अधिकांश के पास मेडिकल प्रमाण पत्र तक नहीं होते, जिस कारण प्रतियोगिता में प्रतिभागिता दौरान आवश्यक चार टीमें तक नहीं हो पाती।
एईओ करेंगे निरीक्षण
एईओ की ओर से खेल प्रशिक्षण केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट प्रत्येक माह की 10 तारीख को मेल से शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी।
योजना लागू होने में यह है समस्या
इस प्रकार की योजना के आदेश पूर्व में भी आए थे, लेकिन सभी पीटीआई एवं डीपीई को नवीनतम खेल नियमों की जानकारी नहीं होने तथा स्कूलों में खेलों के लिए आधारभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण यह योजना सफल ही नहीं हो सकी थी।
यह आया है आदेश
विभागीय निदेशक की ओर से जारी निर्देश के तहत प्रत्येक स्कूल को दो खेलों की टीमें तैयार करनी है। जारी आदेशों के अनुसार सभी स्कूलों के पीटीआई डीपीई को स्कूल में सुबह 8.00 बजे से दोपहर बाद 2.30 बजे तक खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण देना होगा। स्पैट के लिए चयनित खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान देना होगा। dbsnpt
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