फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल साइट्स भी आचार संहिता के दायरे में हैं। सोशल मीडिया से यदि किसी ने दूसरे उम्मीदवार की निजी आजादी में हस्तक्षेप करने का साहस किया, तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज हो सकता है। आचार संहिता लागू होने के बाद अब फेसबुक, वट्स-अप और ट्विटर पर चुनाव प्रचार का खर्चा भी उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा।
विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार और उनके समर्थक आजकल खर्चा बचाने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। फेस बुक, वट्स-अप और ट्विटर पर व्यक्तिगत छींटाकसी भी जारी है। अब आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद इस पर लगाम लगना तय हो गया है। सोशन मीडिया पर निगाह रखने के लिए मीडिया सटीर्फिकेशन एंड मानिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन किया गया है। यदि किसी प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो उस मामले को इस टीम के पास भेजा जाएगा।
एसडीएम राजीव मेहता ने कहा कि किसी ने फेसबुक, वट्स-अप और ट्विटर आदि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर द्वारा किसी उम्मीदवार पर व्यक्तिगत छींटाकशी की तो प्रभावित व्यक्ति उम्मीदवार के खिलाफ आदर्श आचार चुनाव संहिता के अंतगर्त कार्रवाई करवा सकता है। विधान सभा चुनाव 15 अक्टूबर को होने की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों को आदर्श आचार संहिता के पालन संबंधी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। dtshahbdmrknda
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