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Monday, 3 June 2013

बच्चे जब बिना पढ़े आगे बढ़ेंगे तो रिजल्ट ऐसा ही आएगा



"12वीं का साल दर साल गिरता रिजल्ट सही संकेत नहीं है। इसका सबसे अहम कारण जो मुझे लगता है, वो है छात्रों से परीक्षा का डर खत्म करने की नीति। जब छात्र बिना पढ़े अगली कक्षा में पहुंच जाएंगे तो वह पढ़ाई के प्रति गंभीर क्यों होंगे? पांचवीं और आठवीं में बोर्ड परीक्षा खत्म कर देने के बाद कमजोर छात्रों का सामना जब १२वीं में बोर्ड परीक्षा से होता है तो उन्हें कुछ समझ ही नहीं आता। बतौर शिक्षा बोर्ड चेयरमैन मेरे कार्यकाल में भी तत्कालीन सचिव एमएन तायल ने आठवीं का बोर्ड खत्म करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मैंने सरकार से खारिज कराया था। मौजूदा हालात में सरकार को तत्काल पांचवीं और आठवीं में बोर्ड परीक्षा बहाल करनी चाहिए। बच्चे पढ़ाई के प्रति गंभीर रहें, इसके लिए कक्षा में 70 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की जाए। सीबीएसई संस्कृति के पीछे भागने की जगह बोर्ड को अपनी व्यवस्था मजबूत बनानी चाहिए। स्कूलों में छात्रों को जरूरी सुविधाएं दी जाएं और शिक्षकों के पद भरकर उन्हें रिजल्ट के लिए जिम्मेदार बनाया जाए।" ब्रिगेडियर ओपी चौधरी (2003 से 2005 तक स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन) ..db


2 comments:

om parkash chawla said...

Board exams should be compulsory at 5th, 8th,10+1 &10+2 level.Board exams at 5th & 8th level not only make the students to think better but also make them disciplined,responsible & help them to cope up with the adverse situations in life.Today is the time of competition so BOARD EXAMS AT 10+1 AND 10+2 level make the students to prepare well in PMT, CPT,foundation AND AIEEE exams.

Surinder Khurana said...

U R right Mr.Chawla,Govt is taking steps to start Exams. system at the Elementry level.

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