हिसार: एक समय था जब बोर्ड परीक्षा नजदीक आते ही विद्यार्थियों के पसीने छूटने लगते थे। रात की नींद उड़ जाती थी। परीक्षा हॉल में नजर सिर्फ उत्तर पुस्तिका व प्रश्न-पत्र पर होती थी। उड़नदस्ते की आहट से रोंगटे खड़े हो जाते थे, लेकिन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की नई व्यवस्था ने परीक्षार्थियों को तो राहत प्रदान की है। शिक्षाविदों में भी नई बहस छेड़ दी है। जी हां, प्रदेश में पहली बार विद्यार्थी दसवीं प्रथम सेमेस्टर बोर्ड परीक्षा अपने ही स्कूलों में दे सकेंगे। उन्हें परीक्षा देने के लिए अन्य किसी परीक्षा केंद्र में नहीं जाना पड़ेगा। सुनकर हैरानी होगी कि परीक्षा लेने के लिए स्कूल स्टाफ की ही ड्यटी लगाई जाएगी, जबकि परीक्षा केंद्र अधीक्षक स्कूल मुखिया या प्राचार्य होंगे। बस, प्रश्न-पत्र बोर्ड से आएंगे। हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। आगामी 27 सितंबर से दसवीं प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होने वाली हैं। शिक्षा अधिकारियों ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से निजी व सरकारी स्कूल संचालकों तक उक्त सूचना पहुंचा दी है। ।
निर्देशों की पालना कर रहे हैं
जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना देवी ने बताया कि हम तो बोर्ड के निर्देशों का पालन बस कर रहे हैं। बोर्ड की नई व्यवस्था के तहत दसवीं प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा विद्यार्थियों के अपने स्कूल में ली जाएगी।
अपनों से डर कैसा
बोर्ड की इस नई व्यवस्था पर ‘जब सैंया भये कोतवाल, तो डर काहे का’ कहावत सटीक बैठती है। लाजिमी है कि जब अपना स्कूल, स्टाफ व केंद्र अधीक्षक होगा, तो विद्यार्थियों के फेल होने की संभावना कम ही होगी। कम या ज्यादा नंबर की चिंता भी खत्म हो गई।
नकल की संभावना
ज्यादा स्वकेंद्र परीक्षा होने से विद्यार्थियों द्वारा नकल करने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही स्कूल भी अपना परिणाम सुधारने का प्रयास करेंगे।
परीक्षा वाले दिन आएंगे प्रश्नपत्र
दसवीं प्रथम सेमेस्टर के प्रश्न-पत्र बोर्ड ने तैयार किए है। जोकि जिला समन्वयक केंद्रों में पेपर वाले दिन पहुंच जाएंगे। जिला मुख्यालय से उत्तर पुस्तिका व प्रश्न-पत्र बीइओ को सप्लाई किए जाएंगे। स्कूल प्राचार्य को एक फार्म व पत्र लिखकर बीइओ कार्यालय में देना होगा। इसके बाद ही उन्हें प्रश्न-पत्र व उत्तर पुस्तिका दी जाएगी।
स्कूल ही करेगा मूल्यांकन
विद्यार्थियों के लिए राहत की बात यह कि कॉपियों को मूल्यांकन स्कूल स्टाफ ही करेगा। इसके बाद परिणाम बोर्ड को प्रेषित कर दिया जाएगा।
हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष दयानंद दलाल का कहना है कि इससे शिक्षा का स्तर गर्त में जाएगा। जब विद्यार्थियों में बोर्ड परीक्षा का डर ही नहीं होगा, तो वह परीक्षा को गंभीरता से क्यों लेंगे। शिक्षा बोर्ड का इससे पहले आठवीं का बोर्ड खत्म करने का भी फैसला सही नहीं था। जिसका खामियाजा विद्यार्थी व लेक्चर्स भुगत रहे हैं।
समय की होगी बचत:
मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य कोषाध्यक्ष आर्य संजय का कहना है कि बोर्ड का फैसला सही है। स्कूल में ही पेपर लेने व मूल्यांकन करने से समय की बचत होगी। कम से कम दो माह का समय बचेगा और द्वितीय सेमेस्टर की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को समय मिल जाएगा। ....dj
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