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Tuesday, 10 September 2013

शिक्षा विभाग पर जुर्माना

**हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल न करने पर जताई नाराजगी 
**निजी स्कूलों में गरीब बच्चों का कोटा घटाने पर मांगा है जवाब 
**अगली सुनवाई पर जवाब नहीं तो प्रधान सचिव को आना होगा
चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों में आरटीई की धारा 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को आरक्षण के तहत दाखिला नहीं दिए जाने के मामले में समय पर जवाब न देना हरियाणा शिक्षा विभाग को भारी पड़ गया। सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग पर लेटलतीफी के लिए दस हजार रुपये जुर्माना लगा दिया। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अगर शिक्षा विभाग ने अगली सुनवाई के दौरान भी जवाब दाखिल नहीं किया, तो विभाग के प्रधान सचिव खुद हाईकोर्ट में पेश होंगे।
रोहतक निवासी अधिवक्ता सतबीर हुडा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियम 134 ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों लिए निजी स्कूलों में आरक्षित 25 फीसदी सीटों पर दाखिले की मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को दिशा निर्देश भी जारी किए गए लेकिन पिछली सुनवाई पर एडवोकेट हुडा ने अदालत को बताया कि सरकार ने आर्थिक रूप से गरीब लोगों का कोटा 25 फीसदी से घटाकर दस फीसदी कर दिया है, जो नियम के खिलाफ है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी दिशा निर्देश जारी हो चुके हैं। इस पर अदालत ने हरियाणा सरकार से हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा था कि किस आधार पर सरकार ने 25 फीसदी कोटा घटाकर दस फीसदी किया है। सोमवार को सरकार की ओर से शिक्षा विभाग ने जवाब दाखिल करना था, जोकि नहीं किया गया। इससे नाराज अदालत ने विभाग पर जुर्माना लगा दिया। ....AU

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