अंबाला : हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा शुरू की गई ऑन लाइन प्रक्रिया पहले ही चरण में फेल हो गई है। आवेदन के बाद जारी की गई चेक लिस्ट को देखकर गुरुजी से लेकर प्रार्थी भी दंग हैं। चेक लिस्ट में आवेदक के नाम के साथ-साथ अभिभावक का नाम भी गलत अक्षरों में अंकित है। 1ऑन लाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई थी। प्रक्रिया को लेकर गुरुजी विरोध कर रहे थे तो बोर्ड जारी प्रक्रिया के तहत ही आवेदन फार्म जमा करवाने पर अड़ा हुआ था। लिहाजा बोर्ड व गुरुजी की खींचातानी के चलते ऑन प्रक्रिया सिरे तो चढ़ गई, लेकिन जब चेक लिस्ट जारी हुई तो वह प्रथम चरण में ही फिसड्डी साबित हो गई। पहली बार शुरू की गई ऑन लाइन प्रक्रिया शुरू कर 17 अगस्त तक बोर्ड की तरफ से फार्म को भेजने की समय सीमा दी गई थी, मगर हरियाणा बोर्ड की बेवसाइट में कई त्रुटियां पाई गई थी, जिससे स्कूलों में फार्म भरने की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही थी। जिसे देखकर बोर्ड ने समय सीमा बढ़ाकर 27 अगस्त तक कर दिया था। व बेवसाइट में सुधार किया गया था, जिसके बाद फार्म भरने की प्रक्रिया तेज हो गई व समय सीमा से पहले कई स्कूलों ने ऑन लाइन फार्म इंगलिश में भर कर भेज दिया गया था, अब जब हरियाणा ने 4 सितंबर को चेक लिस्ट जारी की तो उसमें प्रार्थी के साथ अभिभावकों के हिन्दी में नाम गलत पाए गए, जिसे देखकर गुरुजी चकरा गए। जब इस बारे में बोर्ड से गुरुजी ने संपर्क किया तो उलटा उन्हें नाम ठीक कराने को कहा है। इस लापरवाही ने अध्यापकों ने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बजाए चेक लिस्ट में नाम संशोधित करने में जुट गए।
विद्यार्थियों को होगा आर्थिक नुकसान :
बोर्ड द्वारा चेक लिस्ट में की गई त्रुटि की वजह से ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को साइबर कैफे में पैसे खर्च कर हिन्दी में अंकित गलत नाम ठीक करवा रहे है। इससे विद्यार्थियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में गुरुजी कंप्यूटर में हिन्दी में नाम ठीक करने के लिए पसीने बहाने पड़ रहे है। वहीं साइबर कैफे की चांदी है।
परीक्षा केंद्र भी बदले :
ऑन लाइन प्रक्रिया के तहत बोर्ड ने तीन परीक्षा केंद्र भरने निर्धारित किए थे। तीन परीक्षा केंद्रों के बाद ही बोर्ड की वेबसाइट आवेदन को स्वीकृत कर रही थी। अध्यापकों ने आवेदन के समय अपनी पंसद के तीन परीक्षा केंद्र भरे, लेकिन चेक लिस्ट में भरे गए परीक्षा केंद्र भी बदल दिए गए।
मांगा था मैनुअल फार्म :
अध्यापकों ने दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों का फार्म भरने के लिए हरियाणा बोर्ड से मैनुअल फार्म की डिमांड की थी, लेकिन बोर्ड ने मैनुअल फार्म न देकर ऑन लाइन प्रक्रिया पर जोर दिया। लेकिन ऑन लाइन आवेदन प्रक्रिया में बार-बार त्रुटि होने से गुरु जी के लिए आवेदन करना सिरदर्द साबित हो रहा है। ....dj
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