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Saturday, 31 January 2015

अनुसूचित जाति (एससी) के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण की सिफारिश मंजूर

** कैबिनेट की हरी झंडी : राव कमेटी की सिफारिश मंजूर, करीब 29 हजार कर्मियों को होगा लाभ
** आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा 42 से 47 साल की 
चंडीगढ़ : अनुसूचित जाति (एससी) के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. राघवेन्द्र राव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश मंजूर कर ली। समिति ने इस वर्ग के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन की जरूरत बताई है। इसके अलावा सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों के आवेदन में अधिकतम उम्र सीमा 42 से 47 साल कर दी है। 
बाद में पत्रकारों से बातचीत में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया निर्णय से ए, बी, सी और डी वर्ग में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को फायदा होगा। प्रदेश में इस वर्ग के लगभग 29000 कर्मचारी कार्यरत हैं। 
हुड्डा सरकार में एससी वर्ग को आरक्षण दिया था। इस पर सामान्य वर्ग के कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि किस आधार पर आरक्षण दिया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने कमेटी गठित कर दी थी। राव कमेटी ने कुल 3,81,847 कर्मियों का अध्ययन किया है। फिर अपनी सिफारिश सरकार को सौंपी। 
पी. राघवेंद्र राव कमेटी ने अपनी सिफारिश में प्रोन्नति में आरक्षण की जरूरत बताई 
आरक्षण: राव कमेटी ने पक्ष में दिए ये तर्क 

  • अनुसूचित जाति के लाेगों का नौकरियों में प्रतिनिधित्व कम है। 
  • इस वर्ग का गरीबों में अधिक अनुपात है, निरक्षरता भी ज्यादा। 
  • ड्रॉप-आउट रेट्स काफी ज्यादा, जमीन भी कम है। 

हाईकोर्ट ने पिछली सरकार के फैसले पर स्टे लगाया था 
हाईकोर्टने हुड्‌डा सरकार के निर्णय पर स्टे लगाते हुए कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगा दी। प्रभावित कर्मचारियों ने निर्णय को डबल बैंच में चुनौती दी। इसमें मांग रखी कि याचिका के लंबित रहते उनका डिमोशन किया जाए। खंडपीठ ने इस पर राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार चाहे तो डिमोशन कर सकती है, लेकिन अंतिम फैसला याचिका के निपटारे पर निर्भर रहेगा। अभी यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। 
...लेकिन फौरन नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ, अदालत में मामला विचाराधीन 
 अनुसूचित जाति के कर्मचािरयों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ फौरन नहीं मिलेगा। वजह हाईकोर्ट का अंतिम निर्णय आना बाकी है। चूंकि अब भाजपा सरकार ने कमेटी की सिफारिश मान ली तो उनके पास कोर्ट में अपने निर्णय को जस्टिफाई करने का आधार है। कै. अभिमन्यु ने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय कोर्ट के फैसले के बाद लिया जाएगा। हमने तो सिर्फ कमेटी की सिफारिश मानी है। दूसरी ओर सरकार के इस फैसले से सामान्य वर्ग के कर्मचारी नाराज हो सकते हैं। उन्होंने राव कमेटी की सिफारिश मानने की मांग की थी। 
फेमिली पेंशन में बदलाव, अब परिवार के सभी सदस्यों को मिलेगा हक 
पारिवारिक पेंशन में संशोधन कर इसमें पेंशन लेने वाला सारा परिवार इसका पात्र होगा। पहले बड़ा बच्चा ही पेंशन का पात्र होता था। लड़की को पेंशन शादी के बाद भी मिलेगी। रिटायरमेंट से पहले या बाद में पैदा हुए विकलांग बच्चे को भी पेंशन मिलेगी।                                             db

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