** शिक्षा में सुधार के लिए विभाग ने बनाई योजना
रोहतक : शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब राजकीय स्कूल को भी हाईटेक करने का निर्णय लिया है। राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी के शिक्षा का डाटा अब ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। स्कूलों में शिक्षा का सुधार करने के लिए यह योजना बनाई गई है, जिसके तहत 28 से 31 जनवरी तक पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले वाले विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों के परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उसकी रिपोर्ट भी शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी, जिसके बाद यह डाटा आनलाइन अपडेट कर दिया जाएगा।
रोहतक : शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब राजकीय स्कूल को भी हाईटेक करने का निर्णय लिया है। राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी के शिक्षा का डाटा अब ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। स्कूलों में शिक्षा का सुधार करने के लिए यह योजना बनाई गई है, जिसके तहत 28 से 31 जनवरी तक पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले वाले विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों के परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उसकी रिपोर्ट भी शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी, जिसके बाद यह डाटा आनलाइन अपडेट कर दिया जाएगा।
जिला स्तर पर इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पहली से पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए तैयार प्रश्नपत्र सभी स्कूलों में पहुंचा दिए गए हैं। जबकि छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्याíथयों के लिए प्रश्नपत्रों को स्कूल शिक्षकों द्वारा ही तैयार किया गया। सभी स्कूलों में 28 से 31 जनवरी तक परीक्षाएं ली जाएंगी। इसके बाद 2 फरवरी तक मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में विद्यार्थियों के प्राप्त अंकों की रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी। जिलास्तर पर रिपोर्ट आने के बाद 5 फरवरी तक इस रिपोर्ट को चंडीगढ़ भेजा जाएगा।
योजना से सुधरेगा शिक्षा का स्तर
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र मलिक ने बताया कि यह योजना स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में कारगर साबित होगी। पहली से पांचवी कक्षा तक के प्रश्नपत्र सभी स्कूलों में पहुंच चुके है। 28 से 31 जनवरी तक स्कूलों में परीक्षाएं होगी। इसके बाद वर्गों के अनुसार डाटा तैयार कर निदेशालय भेजा जाएगा।
अभिभावक देख सकेंगे डाटा
इस योजना के लागू होने के बाद राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक घर बैठे-बैठे ही अपने बच्चों के परीक्षा परिणाम को आनलाइन देख सकेंगे। विद्यार्थी अपने अभिभावकों को अपने शैक्षणिक स्तर को लेकर गुमराह नहीं कर सकेंगे। इसके लिए फरवरी में परीक्षा परिणाम मौलिक शिक्षा निदेशालय में जाने के बाद सभी विद्यार्थियों को अलग कोड दे दिए जाएंगे। राजकीय स्कूलों में होने वाली परीक्षा के बाद शिक्षकों को विद्यार्थियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करना होगा। dj
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