चंडीगढ़ : प्रदेश में ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते वर्ष 2002 में हुई 65 एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच का फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद ले लिया है। मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि विवादित आंसरशीट हाईकोर्ट में खोली जाएंगी और इनकी जांच की जाएगी। मामले पर गुरुवार को सुनवाई तय की गई है। इससे पहले हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था कि हरियाणा लोक सेवा आयोग ने किस आधार पर उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए शिक्षकों का चयन किया था। इसके अलावा आयोग के सचिव को किसने आदेश दिए थे कि वह व्यक्तिगत तौर पर जाकर शिक्षकों को आंसरशीट जांच के लिए सौंपे।
परीक्षा में किए थे चार प्रश्न, नंबर दे दिए पांच के
हरियाणा लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2002 में यह भर्ती की थी। पूर्व विधायक करन सिंह दलाल परीक्षा में असफल रहे उम्मीदवारों की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली की गई। हाईकोर्ट ने भर्ती का सारा रिकाॅर्ड तलब कर लिया था। चौटाला के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बडशामी के बेटे रणधीर सिंह ने लिखित परीक्षा में चार प्रश्नों के उत्तर दिए थे, लेकिन उन्हें पांच प्रश्नों के अंक दिए गए। इसी तरह उस समय आयोग के चेयरमैन केसी बांगड़ के रिश्तेदार को भी अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
कहा गया कि परीक्षा भवन के बाहर प्रश्नों के उत्तर लिखवाए गए। दूसरी तरफ चयनित उम्मीदवारों की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद राजनीतिक रंजिश के चलते ये आरोप लगाए गए।
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