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Wednesday, 28 January 2015

महिला कर्मियों के लिए सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) लेना हुआ मुश्किल

चंडीगढ़ : सरकारी कॉलेजों में कार्यरत महिला कर्मियों के लिए सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) लेना आसान नहीं होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके नियम कड़े कर दिए हैं। सीसीएल के दुरुपयोग के मामले सामने आने पर ये कदम उठाया गया है। बच्चों की बीमारी या परीक्षाओं के लिए अवकाश मांगने पर कर्मचारियों को अब सिविल सर्जन और शैक्षणिक संस्थान का प्रमाण पत्र भी जमा कराना होगा। इसके अलावा सीसीएल प्रपत्र के साथ बच्चे की परीक्षा या स्वास्थ्य ठीक न होने की अंडरटेकिंग देनी होगी। 
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्राचार्यो को सीसीएल के अति जरूरी केस ही मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए हैं। महिला कर्मियों को बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश देने से विभाग पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ तो नहीं पड़ रहा, इसका भी ध्यान रखना होगा। असिस्टेंट, एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर के अवकाश पर जाने से अस्थायी नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी, इसकी भी मुख्यालय को जानकारी देनी होगी। अस्थायी नियुक्ति का पेंच फंसने पर सीसीएल का आवेदन रद भी हो सकता है क्योंकि नियमों में साफ है कि महिला कर्मी को अवकाश देने पर बाकी स्टाफ से ही उसका काम पूरा कराना होगा।
प्राचार्यो को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सीसीएल आवेदन के साथ बच्चे की स्कूल उपस्थिति की रिपोर्ट जरूर संलग्न हो। महिला कर्मियों को पूरी नौकरी के दौरान 18 वर्ष से कम आयु के दो बच्चों की देखभाल के लिए कुल 730 दिन ही चाइल्ड केयर लीव मिलेगी।                                           dj

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